आगामी 13 फ़रवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुज़फ़्फरनगर और देवबंद विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव को काफ़ी गंभीरता से ले रही है.
इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि पार्टी ने अपने केंद्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री संजीव बाल्यान को बीते कई दिनों से चुनाव प्रचार में झोंक रखा है.
बाल्यान ने बीबीसी हिंदी से बातचीत से कहा, "बहुत महत्वपूर्ण चुनाव है. तीन सीटों पर उपचुनाव है, तीनों सीट समाजवादी पार्टी के पास थी. मुजफ़्फरनगर और देवबंद की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रही है. इन दोनों सीटों पर मुझे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी जीतेगी."
बाल्यान ये भी मानते हैं कि अगर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीत हासिल करती है तो इससे 2017 के विधानसभा चुनाव को लेकर संकेत मिलेगा और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में संदेश जाएगा.
बाल्यान ने इसे और ज़्यादा स्पष्ट करते हुए कहा, "समाजवादी पार्टी सत्ता का दुरुपयोग ख़ूब करती है. ऐसी स्थिति में अगर हम दो सीट जीत लेते हैं तो एक माहौल बनेगा. इनकी सरकार रहते हुए हम दो सीट छीन लेते हैं तो कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद होंगे. यही वजह है कि हम इन सीटों को जीतने के लिए इतनी मेहनत कर रहे हैं."
बाल्यान ये भी मानते हैं कि 2017 के विधानसभा चुनाव की पिक्चर के लिए ये उप चुनाव ट्रेलर साबित होंगे.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की एक राय ये भी है कि नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार मुजफ़्फ़रनगर के रास्ते बनी. साल 2013 के दौरान इन इलाकों में हुए दंगों और उसके बाद महापंचायत के आयोजन से जो हवा बनी उसका उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को फ़ायदा हुआ.
लेकिन संजीव बाल्यान इससे इत्तेफाक़ नहीं रखते. वे कहते हैं, "ये बिलकुल ग़लत बात है. केंद्र की सरकार गुजरात के मॉडल पर बनी. उस चुनाव में दो ही मुद्दे थे-भ्रष्टाचार और विकास. इन दोनों ही मुद्दों पर जनता ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया."
बाल्यान उपचुनावों में ध्रुवीकरण की कोशिश से इनकार करते हैं. वे पूछते हैं, "भारतीय जनता पार्टी को सभी वर्गों का विश्वास हासिल है, यह भला क्यों ध्रुवीकरण करेगी. हम जाति की दीवार तोड़ेंगे."
उनके मुताबिक राज्य में सभी तबके के समर्थन से पार्टी को 73 सीटें मिली थीं, ऐसे में उनका आरोप है कि ध्रुवीकरण की कोशिश समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी कर रही है.
इसके अलावा केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने राज्य सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने और अपराधियों के प्रति नरम रवैया अपनाने के आरोप लगाया है.
वे कहते हैं, "सारे अपराधी तो समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं. सत्ताधारी पार्टी का सदस्य होने के कारण सरकार उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करती है. इससे लोगों में गुस्सा है."
हालांकि सांप्रदायिक दंगे भड़काने के लिए अपने ऊपर लगे आरोपों पर संजीव बाल्यान ने कहा कि जब तक हत्यारों को छोड़ा जाता रहेगा, वो विरोध में आवाज़ उठाते रहेंगे.
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