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लोगों से फीडबैक लें और खुद में सुधार करें

।।दक्षा वैदकर।। एक सवाल. किसी कंपनी या प्रोडक्ट की ग्रोथ किस बात पर निर्भर करती है? आपने सही पहचाना. उसकी ग्रोथ लोगों के फीडबैक पर निर्भर करती है. आपने देखा होगा कि कई कंपनियां, होटल्स, एयरलाइंस आपसे फीडबैक फॉर्म भरवाती हैं. इसमें आप उनकी सर्विस व प्रोडक्ट्स को नंबर देते हैं. अंत में लिखा होता […]

।।दक्षा वैदकर।।

एक सवाल. किसी कंपनी या प्रोडक्ट की ग्रोथ किस बात पर निर्भर करती है? आपने सही पहचाना. उसकी ग्रोथ लोगों के फीडबैक पर निर्भर करती है. आपने देखा होगा कि कई कंपनियां, होटल्स, एयरलाइंस आपसे फीडबैक फॉर्म भरवाती हैं. इसमें आप उनकी सर्विस व प्रोडक्ट्स को नंबर देते हैं. अंत में लिखा होता है कि हमें अपने सुझाव दें. आप वहां भी फीडबैक देते हैं. कंपनी उन सुझावों पर काम करती है ताकि वह और बेहतर काम करे और ग्रो करे. जब कोई कंपनी, कोई प्रोडक्ट लोगों से फीडबैक ले कर इतना ग्रो कर सकता है, तो हम इनसान क्यों नहीं? हम भी तो लोगों से फीडबैक लेकर, अपनी कमियां पूछ कर उन्हें सुधार सकते हैं. इस तरह हम अपनी पर्सनैलिटी को सुधार सकते हैं.

जानने वाली बात यह है कि आपके मामले में फीडबैक, फॉर्म भर कर नहीं दिया जायेगा. आपको फीडबैक कई रूपों में मिलेगा, आपको खुद उसमें से कमियां पहचाननी होगी. यदि आपका प्रोमोशन हो रहा है, आपको अधिक काम दिया जा रहा है, आपकी हर जगह तारीफ हो रही है, आपकी कमी महसूस हो रही है, तो आपकी परफॉर्मेस बेहतरीन है. ठीक इसके उलट, यदि आपसे काम वापस ले लिया जा रहा है, कोई नया काम नहीं दिया जा रहा, लोग आपको विभिन्न अवसरों पर याद नहीं करते, तो इसका मतलब है कि आपकी परफॉर्मेस में कुछ कमी है. इस परिस्थिति में यह कहना कि ‘लोग मुङो समझते नहीं, मेरी कीमत नहीं जानते, मेरी बातों को समझना ही नहीं चाहते’ गलत है. यह आपकी कमी है कि आप अपनी बात लोगों तक बेहतर ढंग से नहीं पहुंचा पा रहे. आपको परफॉर्मेस और बेहतर करनी होगी. सुधार तब तक करना होगा, जब तक लोग तारीफ करने की स्थिति में न आ जायें.

एक बात और यह है कि जब भी कोई आपको आपकी कमी बताये, उसे थैंक्स कहें. उस इनसान से यह सोच कर दूर न भागें कि इसे तो मुझमें हमेशा कमियां ही नजर आती हैं. यह मुङो डिप्रेशन में डाल देता है. उस व्यक्ति को धन्यवाद कहना चाहिए. तो देर किस बात की. आज से ही लोगों से पूछना शुरू कर दें, ‘मुझे किस चीज में सुधार की जरूरत है?’

बात पते की..

वो इनसान आपका अच्छा दोस्त नहीं है, जो हमेशा तारीफ करे. आपका अच्छा दोस्त वही है, जो आपको आपकी कमियां बताये.

सकारात्मक फीडबैक से ज्यादा बेहतर नकारात्मक फीडबैक है. यही हमें सुधार की ओर ले जाता है. ऐसे लोगों से बिना नाराज हुए ज्यादा जुड़ें.

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