।। दक्षा वैदकर ।।
आप जब कोई बात बोलते हैं, तो क्या आपको आपकी मर्जी के मुताबिक रिस्पॉन्स मिलता है? जाहिर सी बात है कि जब आप किसी के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं, किसी को प्रपोज करते हैं, किसी कस्टमर को कोई प्रॉडक्ट बेचने जाते हैं, तो आप जवाब में केवल ‘हां’ सुनना चाहते हैं. कई बार लोगों को समझ नहीं आता कि हम क्या करें कि सामनेवाला केवल ‘हां’ बोले. जब भी सामनेवाला हमें ‘न’ में जवाब देता है, हम उसे भला-बुरा कहते हैं, जबकि इसमें अकसर गलती हमारी होती है. हम अपनी बात सही तरीके से कहना ही नहीं जानते. किसी भी व्यक्ति से हां बुलवाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
आपको सबसे पहले सामनेवाले की जिंदगी की महत्वपूर्ण बातों, उसके स्वभाव, उसकी दिनचर्या को समझना होगा. आपको समझना होगा कि अभी वह क्या चाहता है? हो सकता है कि आप किसी से पूछें कि मुझसे दोस्ती करोगे? और उस वक्त वह इनसान किसी से झगड़ा कर के आया हो. आज के समय में जब लोगों के पास बिल्कुल वक्त नहीं हैं, मैसेज में भी लोग ‘ओके’ की जगह सिर्फ’के’ लिखते हैं, आपको उन्हेंकम-से-कम शब्द में बात समझाने का तरीका आना चाहिए. आपको समझना होगा कि आज एक व्यक्ति हजारों लोगों से जुड़ा हुआ है. फेसबुक, व्हाट्सएप, फोन, आस-पड़ोस, कंप्यूटर, ऑफिस हर जगह उससे बात करने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद है. आपको उस इनसान का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ऐसा कुछ करना या कहना होगा कि वह आपकी बात ध्यान से सुने.
बेहतर होगा कि आप अपनी बातों पर फोकस करने के साथ ही अपने हाव-भाव व प्रेजेंटेशन के तरीके पर भी काम करें. आपके चेहरे पर गुस्सा, घमंड, बेचारगी न दिखे. आपके चेहरे पर एक आत्मविश्वास दिखे, थोड़ी-सी मुस्कुराहट हो. जब भी किसी से मिलने जाएं पहले यह देख लें कि सामनेवाले का मूड कैसा है. अगर आपको लगता है कि सामनेवाला भी आपसे कुछ कहना चाह रहा है, तो पहले उनकी बात सुन लें. आप उसकी बात सुनेंगे, तो वह आपकी जरूर सुनेगा.
बात पते की..
उदाहरण, यदि आपको बॉस से छुट्टी लेनी है, तो ऐसे वक्त का ही चुनाव करें, जब वे खुश हों, इत्मीनान में हों. मीटिंग के तुरंत बाद ही उनसे छुट्टी न मांगें.
बोलने की स्पीड इतनी ज्यादा भी न हो कि सामनेवाला समझ न सके और इतनी धीमी भी न हो, कि सामनेवाला बोर हो जाये और चला जाये.