
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी का कहना है कि मुसलमानों को इस्लाम की वैश्विक छवि सुधारने की कोशिश करनी चाहिए, जिसे लगतार हिंसा ने दाग़दार बना दिया है.
उन्होंने तेहरान में एक सम्मेलन में कहा, "हमें साइबर स्पेस और असलियत में छाई इस्लाम की नकारात्मक छवि को हटाना होगा."
नरम धार्मिक रुख़ रखने वाले राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि इस्लामिक सिद्धांत हिंसा के ख़िलाफ़ हैं.
अप्रत्यक्ष तौर पर सउदी अरब और उसके सहयोगी खाड़ी देशों का हवाला देते हुए उन्होंने उन देशों की निंदा की जो अमरीकी हथियार लाकर अपने ही भाईयों पर उनका इस्तेमाल कर रहे हैं.
यमन में सउदी अरब के नेतृत्व में हूती विद्रोहियों पर जो हवाई हमले किए गए, ईरान उसके सख़्त ख़िलाफ़ है.

रूहानी ने उन कष्टों का भी ज़िक्र किया जो अपने ही देश से भागने वाले मुसलमान शरणार्थियों को सहने पड़ते हैं
रविवार को इस्लामिक एकता पर हो रहे सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रूहानी ने उस शर्म का ज़िक्र किया जो उन मुस्लिम बच्चों को देख कर महसूस होती है जो ग़ैर इस्लामिक देशों में शरण पाने के लिए लंबी और दर्दनक यात्राएं कर रहे हैं.
सरकारी टेलिविज़न पर लाइव प्रसारित किए जा रहे इस भाषण में उन्होंने कहा, "आज ये हमारा सबसे बड़ा फ़र्ज़ है कि दुनिया में इस्लाम की छवि को सुधारें."
इस्लाम की केंद्रीय जगहों पर लगातार हिंसा से इस्लाम की छवि को जो नुक़सान हो रहा है उस पर उन्होंने चिंता जताई और इस क्षेत्र के सभी देशों से अपील की कि वे हिंसा, आतंक और हत्याओं पर विराम लगाएं.
सीरिया, इराक़ और यमन में हत्याओं और ख़ून ख़राबे पर मुस्लिम देशों की चुप्पी की उन्होंने निंदा की.
ईरान सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार का समर्थन करता है और कथित इस्लामिक स्टेट संगठन के ख़िलाफ़ लड़ाई के लिए वह सीरिया को सैन्य सहायता भी दे रहा है.
ईरान के इराक़ के साथ भी क़रीबी रिश्ते हैं और वह इस्लामिक स्टेट के लड़ाकुओं की निंदा करता रहा है जो सीरिया और इराक़ दोनों में सक्रिय हैं.
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