Advertisement
संबंध सुधरे, तो व्यापार बढ़ना तय
भारत-पाक के उत्पादकों और उपभोक्ताओं को होगा फायदा डीएस रावत महासचिव, एसोचैम भारत-पाक संबंधों के बेहतर होने से भारत कपड़ा, केमिकल मशीनरी, इलेक्ट्रिकल उत्पाद का पाकिस्तान को निर्यात कर सकेगा, जबकि पाकिस्तान से भी कपड़ा, स्वर्ण आभूषण और अन्य जरूरी मेटल भारत आ सकेंगे. अलविदा 2015 की कड़ी में आज पढ़ें दोनों पड़ोसियोंं के बारे […]
भारत-पाक के उत्पादकों और उपभोक्ताओं को होगा फायदा
डीएस रावत
महासचिव, एसोचैम
भारत-पाक संबंधों के बेहतर होने से भारत कपड़ा, केमिकल मशीनरी, इलेक्ट्रिकल उत्पाद का पाकिस्तान को निर्यात कर सकेगा, जबकि पाकिस्तान से भी कपड़ा, स्वर्ण आभूषण और अन्य जरूरी मेटल भारत आ सकेंगे. अलविदा 2015 की कड़ी में आज पढ़ें दोनों पड़ोसियोंं के बारे में.
वर्ष 2015 की विदाई वेला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचानक लाहौर यात्रा से भारत के पाकिस्तान के साथ संबंधों के बेहतर होने की संभावना बढ़ गयी है. दोनों देशों के बीच संबंधों में कड़वाहट के कारण व्यापार में वृद्धि नहीं हो पा रही है, जबकि कई क्षेत्रों में व्यापार बढ़ने की काफी संभवानाएं हैं. शंघाई कॉरपोरेशन आॅर्गेनाइजेशन के सम्मेलन के दौरान भी भारत और पाक के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात के बाद द्विपक्षीय वार्ता के पटरी पर आने की संभावना को मजबूती मिली थी.
दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की मुलाकात के बाद भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान का दौरा किया और अब सचिव स्तर की वार्ता होने के बाद दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों के बीच मुलाकात की भी पूरी संभावना है. भारत-पाक संबंधों के बेहतर होने से भारत कपड़ा, केमिकल मशीनरी, इलेक्ट्रिकल उत्पाद का पाकिस्तान को निर्यात कर सकेगा, जबकि पाकिस्तान से भी कपड़ा, स्वर्ण आभूषण और अन्य जरूरी मेटल भारत आ सकेंगे.
दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में आइटी, बीपीओ, मनोरंजन के क्षेत्र में व्यापार के बढ़ने की पूरी संभावना है. व्यापार में स्थिरता आने से दोनों देशों के उत्पादकों और उपभोक्ताओं को फायदा होगा. व्यापार बढ़ने के साथ ही दोनों देशों को एक बड़ा बाजार उपलब्ध होगा और इससे कंपनियों को तो फायदा होगा ही, दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में भी कुछ तेजी आयेगी.
मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच व्यापार 250 मिलियन डॉलर से 5 बिलियन डॉलर के बीच है. लेकिन, संबंधों में खटास के कारण यह व्यापार किसी दूसरे देश- जैसे दुबई के जरिये किया जाता है, जिससे व्यापार का खर्च अधिक हो जाता है. अभी अगर दिल्ली से लाहौर कुछ भेजना है, तो इसे मुंबई, दुबई से कराची भेजा जाता है. इससे न सिर्फ समय अधिक लगता है, बल्कि सामान का खर्च भी चारगुना अधिक हो जाता है. संबंध बेहतर होने से न सिर्फ व्यापार सस्ता होगा, बल्कि व्यापार में भी बढ़ोत्तरी भी होगी.
इसके लिए दोनों देशों को व्यापार बढ़ाने के उपायों पर काम करना होगा. मौजूदा समय में जमीन के रास्ते व्यापार काफी सीमित है और यह सिर्फ वाघा और अटारी सीमा के जरिये ही किया जा सकता है. व्यापार को बढ़ाने के लिए सीमा के अन्य क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी को बढ़ाना होगा, बहाल करना होगा. इसके अलावा दोनों देशों को अपने ट्रांसपोर्ट नियमों को आसान बनाने की कोशिश करनी होगी, ताकि दोनों ओर से सामानों के अदान-प्रदान में किसी तरह की परेशानी न हो. अगर दोनों देश एक-दूसरे को ट्रांजिट अधिकार प्रदान कर दें, तो भारत -अफगानिस्तान के रास्ते मध्य एशिया से सीधे जुड़ जायेगा और पाकिस्तान की पूर्वी देशों तक पहुंच हो जायेगी.
लेकिन बिना वित्तीय व्यवस्था को मजबूत किये यह व्यापार नहीं बढ़ सकता है. वर्ष 2005 में भारत और पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने समझौता कर दोनों देशों में बैंकों के दो ब्रांच खोलने पर समझौता किया था, लेकिन यह अभी तक क्रियान्वित नहीं हो पाया है. बिना बैंकिंग सेवा की सुविधा के सीमा पर व्यापार को बढ़ाना मुश्किल है. दोनों देशों के लोगों के बीच सीमित संवाद के कारण भी व्यापार नहीं बढ़ पा रहा है. संवाद के लिए विभिन्न स्तर पर काम करने से ही दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री मोदी के अचानक पाक दौरे से संबंधों को बेहतर करने का माहौल बनेगा, लेकिन इसके लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जाने की जरूरत है. अगर दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर हो जाते हैं, तो आनेवाले समय में तजाकिस्तान, अजरबैजान, पाकिस्तान और ईरान के रास्ते भारत आनेवाली गैस पाइपलाइन की परियोजना सफल हो सकती है. इससे दोनों देशों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
(बातचीत पर आधारित)
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement