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कर्मचारियों को गलती करने की भी छूट दें

।। दक्षा वैदकर।। पिछले दिनों मेरे किसी लेख में कोई गलती जाते-जाते रह गयी. जब मुझे यह पता चला कि गलती जानेवाली थी, मेरे मुंह से निकल गया ‘अच्छा हुआ, गलती जाने से रह गयी. वरना मेरी नौकरी चली जाती.’ पास ही खड़े मेरे सीनियर ने कहा, ‘ऐसे कैसे गलती चली जाती. हम सब हैं […]

।। दक्षा वैदकर।।

पिछले दिनों मेरे किसी लेख में कोई गलती जाते-जाते रह गयी. जब मुझे यह पता चला कि गलती जानेवाली थी, मेरे मुंह से निकल गया ‘अच्छा हुआ, गलती जाने से रह गयी. वरना मेरी नौकरी चली जाती.’ पास ही खड़े मेरे सीनियर ने कहा, ‘ऐसे कैसे गलती चली जाती. हम सब हैं न इन बातों का ध्यान रखने के लिए. तुम्हें अपनी गलती का अहसास है, यह ज्यादा जरूरी बात है.’

सीनियर की यह बात सुन कर मुझेबहुत अच्छा लगा. कई बॉस ऐसे नहीं होते. वे कर्मचारी की छोटी-से-छोटी गलती पर उसे नौकरी से निकाल देते हैं. वे ऑफिस में ऐसे माहौल का निर्माण करते हैं, जहां गलती करने की किसी की हिम्मत ही न हो, क्योंकि वे असफलता को बरदाश्त नहीं कर पाते. ऐसा माहौल बनाने से कर्मचारी कोई नया काम करते ही नहीं. वे पुराने तरीकों पर ही चलते रहते हैं. उन्हें यह डर लगा रहता है कि नया कुछ आजमाने से गलती हो सकती है और नौकरी जा सकती है. बेहतर है कि नौकरी बचाओ.

यह तरीका गलत है. अच्छा बॉस व लीडर वही है, जो अपने कर्मचारियों को सिखाये कि गलतियों से कैसे सीखा जाये. वह उन्हें गलती करने की भी छूट दे, ताकि वे बिना डरे नये प्रयोग कर सकें. नयी चीजें सीख सकें. सर्वश्रेष्ठ लीडर यह आशा करते हैं कि उनके कर्मचारियों से गलती होगी. अपने कर्मचारी को नौकरी से निकालने की बजाय वे उसे यह सिखाना अधिक जरूरी समझते हैं कि असफलताओं का सामना कैसे करें. बॉस को चाहिए कि वह न केवल सफलताओं का व्यक्तिगत उदाहरण दे, बल्कि अपनी असफलताओं के बारे में भी कर्मचारियों को बताये. उन्हें बताये कि किस तरह उन्होंने असफलता से हार नहीं मानी और उससे सीख ली. यह बहुत बड़ी गलतफहमी है कि नेतृत्व करने के लिए आपके पास सिर्फ सफलताओं की श्रंखला होनी चाहिए. कई बॉस अपनी असफलता को इसलिए छिपाने की कोशिश करते रहते हैं. लेकिन सच तो यह है कि सबसे अधिक प्रेरणादायी छवि उस बॉस की होती है, तो असफल तो होता है, लेकिन उससे हार नहीं मानता है.

बात पते की..

अपने साथी कर्मचारियों को अपनी सफलताओं के किस्से बताने से ज्यादा बेहतर है कि अपनी असफलताओं से सीख लेने के किस्से बताएं.

गलती करने पर कोई बड़ी सजा न दें. कर्मचारियों को गलती करने की छूट भी दें क्योंकि गलती वही करते हैं, जो काम करते हैं, कुछ नया करते हैं.

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