21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बि‘हार” की तलवार मंत्रियों पर

बिहार में एनडीए की हार : पीएम करेंगे प्रदेश के केंद्रीय मंत्रियों से सीधी बात नयी दिल्ली : एक-दो दिनों की चुप्पी के बाद बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच गुणा-भाग शुरू हो चुका है. बिहार से आनेवाले तमाम नेताओं के प्रदर्शन का आकलन किया जा रहा है.सूत्रों की […]

बिहार में एनडीए की हार : पीएम करेंगे प्रदेश के केंद्रीय मंत्रियों से सीधी बात
नयी दिल्ली : एक-दो दिनों की चुप्पी के बाद बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच गुणा-भाग शुरू हो चुका है. बिहार से आनेवाले तमाम नेताओं के प्रदर्शन का आकलन किया जा रहा है.सूत्रों की मानें, तो एक-दाे दिनों में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश नेताओं के साथ वन-टू-वन बैठक कर सकते हैं, जबकि विदेश दौरे से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के केंद्रीय मंत्रियों से सीधी बात कर सकते हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री इन मंत्रियों से चुनाव में हार के कारणों को लेकर पूछताछ कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि आकलन के बाद फिसड्डी रहे मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
क्षेत्रवार चुनाव परिणाम को देखें, तो प्रदेश के केंद्रीय मंत्रियों में तुलनात्मक रूप से सिर्फ कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के प्रदर्शन को ठीक माना जा सकता है. हालांकि, पार्टी के मिशन 185+ के लिहाजा से उनका प्रदर्शन भी निराशाजनक है, क्योंकि उनके क्षेत्र को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता था. वहां से पार्टी को क्लीन स्वीप करने की उम्मीद थी.
राधामोहन सिंह पूर्वी चंपारण संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनके संसदीय क्षेत्र में आनेवाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से भाजपा ने चार पर जीत दर्ज की है. वैसे राधामोहन सिंह का प्रभाव क्षेत्र पूरे पूर्वी चंपारण जिला है, जिसमें 12 में से चार सीटों पर एनडीए को हार मिली.
मोतिहारी शहर की सीट भाजपा ने इस बार गंवा दी. पड़ोसी पश्चिमी चंपारण जिले की नौ में चार सीटों पर एनडीए को हार का सामना करना पड़ा
वहीं बिहार से आनेवाले अन्य मंत्रियों के संसदीय क्षेत्र में तो एनडीए का प्रदर्शन तो और खराब रहा है. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री रामविलास पासवान अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर से दो, सुक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज सिंह अपने नवादा संसदीय क्षेत्र से दो, कौशल विकास राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी अपने सारण संसदीय क्षेत्र से दो और पेयजल राज्यमंत्री रामकृपाल यादव व मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने अपने-अपने संसदीय क्षेत्र से सिर्फ एक-एक सीटें जीता सके हैं.
भितरघातियों पर होगी कार्रवाई, बदलेगा संगठन
नयी दिल्ली/पटना : भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में भितरघात करनेवाले उन पार्टी नेताओं को चिह्नित करना शुरू कर दिया है, जिनके कारण पार्टी की करारी हार हुई. परिणाम की समीक्षा के बाद प्रदेश संगठन में भारी बदलाव हो सकता है.
भाजपा का मानना है कि खासकर 14 जिलों में एनडीए के शून्य पर आउट होने में भितरघात की अहम भूमिका रही है. भागलपुर इलाके में दो नेताओं के अहम के टकराव के कारण पार्टी अंत-अंत तक विवाद से जूझती रही.
इसके कारण भागलपुर नगर सीट जैसे अपने मजबूत क्षेत्र में भी पार्टी के आला नेता प्रचार से भी कतराते नजर आये. कहा जाता है कि इलाके के एक बड़े पार्टी नेता की भूमिका पूरे प्रचार के दौरान नकारात्मक रही.
इसी तरह भोजपुर व बक्सर जिलों में भी पार्टी भितरघात से जूझती रही. इन जिलों में भी एनडीए का खाता नहीं खुला है, जबकि सामाजिक समीकरण के लिहाज से भाजपा इन जिलों को अपना प्रभाव क्षेत्र मान रही थी.
लेकिन, चुनाव प्रचार शुरू होने के समय से पार्टी इन जिलों में अदरुनी विवाद से जूझती रही. विधानसभा क्षेत्रवार सम्मेलन के दौरान ही बक्सर में पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी के सामने ही उम्मीदवारी को लेकर सांसद अश्विनी चौबे से स्थानीय नेता उलझ पड़े थे. बाद में यहां से पूर्व मंत्री सुखदा पांडेय का टिकट काट कर नये चेहरे को उतारा गया, जिन्हें सुखदा पांडेय के समर्थकों का विरोध झेलना पड़ा.
इसी तरह ब्रह्मपुर में निवर्तमान विधायक व स्व कैलाशपति मिश्र की बहू दिलमणि देवी का टिकट काट कर डॉ सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को उतारा गया. पार्टी के इस निर्णय के विरोध में दिलमणि जदयू में चली गयीं. आखिरकार विवेक ठाकुर को हार मिली. आरा के सांसद व पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री आरके सिंह ने तो पार्टी नेतृत्व पर पैसे लेकर अपराधियों को टिकट देने का खुलेआम आरोप लगाया और चुनाव प्रचार से अपने को दूर रखा.
मुंगेर सीट से प्रणव कुमार को टिकट देने का स्थानीय नेताओं ने जम कर विरोध किया था. चर्चा है कि बेगूसराय में टिकट वितरण से स्थानीय सांसद भोला सिंह भी नाखुश थे. चुनाव प्रचार के दौरान वह चुप रहे, लेकिन परिणाम आते ही वह खुल कर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.
इसके अलावा आरोप है कि सहयोगी दलों के आपसी खींचतान के कारण शेखपुरा, अरवल, जहानाबाद, खगड़िया, समस्तीपुर जिलों में भी एनडीए को एक भी सीट नहीं मिली. अन्य जिलों में भी भितरघात से इनकार नहीं किया जा सकता. पूरे प्रचार अभियान के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा की बयानबाजी जगजाहिर रही.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें