जमशेदपुर/रांची: पहले कराटे की कला लड़कों के बीच लोकप्रिय था, लेकिन वर्ष 2012 के दिल्ली गैंगरेप की घटना के बाद सेल्फ डिफेंस (आत्मरक्षा) की इस कला के प्रति लड़कियों का रुझान तेजी से बढ़ा है.
राजधानी रांची, जमशेदपुर के अलावा अन्य जिलों में भी इसका प्रभाव दिखा है. ऑल इंडिया कराटे डो फेडरेशन से मान्यता प्राप्त कराटे डो फेडरेशन ऑफ झारखंड की कराटे क्लासेज में महिलाओं की संख्या में 30 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है. इसके प्रति सर्वाधिक जागरूक स्कूली छात्रएं हैं. अब लगभग सभी स्कूलों में कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इतना ही नहीं कामकाजी और घरेलू महिलाओं में भी आत्मरक्षा के इस कला को जानने की ललक बढ़ी है.
कराटे प्रशिक्षक और कराटे एसोसिएशन के महासचिव नंदजी के अनुसार लड़कियां न केवल खेल के रूप में कराटे सीख रही हैं बल्कि खुद को मजबूत बनाने और प्रतिकूल परिस्थिति से मुकाबले करने को लेकर वो खुद को तैयार कर रही हैं.
50-50 हो चुका है अनुपात
नंदजी बताते हैं कि पूर्व में उनके पास प्रशिक्षण लेने हर माह आने वाले 10 में से आठ लड़के होते थे, लेकिन अब लड़के-लड़कियों का अनुपात 50-50 का हो गया है. अब लड़कियां टूर्नामेंट में भी हिस्सा ले रही हैं जो उनकी इच्छाशक्ति को दर्शाता है.