वाशिंगटन : अमेरिका-पाक असैन्य परमाणु करार पर संभावित बातचीत के बीच दो शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंकों ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विश्वास जीतने के लिए भारत का इंतजार किये बिना व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) पर दस्तखत करने सहित पांच कदम उठाए. स्टिमसन सेंटर और कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल रिलेशंस (सीईआईपी) ने कहा, ‘हम प्रस्तावित करते हैं कि पाकिस्तान परमाणु हथियार संबंधी पांच पहलों पर विचार करे.’ दोनों थिंक टैंकों ने कहा, ‘पहला – घोषणात्मक नीति को ‘पूर्ण स्पेक्ट्रम’ से ‘रणनीतिक’ प्रतिरोधक क्षमता पर स्थानांतरित करें.
दूसरा – प्रतिरोधक क्षमता की मुद्रा को हल्का करें और कम दूरी के मारक हथियारों तथा रणनीतिक परमाणु हथियारों का उत्पादन सीमित करें.’ उन्होंने कहा, ‘तीसरा – विखंडनीय सामग्री कटौती संधि चर्चाओं पर पाकिस्तान का वीटो हटाएं और विखंडनीय सामग्री का उत्पादन रोकें.’ थिंक टैंकों ने कहा, ‘चौथा – असैन्य और सैन्य परमाणु प्रतिष्ठानों को अलग करें. और अंतत: व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर भारत का इंतजार किये बिना दस्तखत करें.’
थिंक टैंकों ने यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमेरिका यात्रा और 22 अक्तूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से उनकी वार्ता से पहले कही है. ये सिफारिशें सबसे पहले स्टिमसन के माइकल क्रेपन और सीईआईपी के टोबी डाल्टन द्वारा दी गयी एक विस्तृत रिपोर्ट में प्रस्तावित की गयी थीं. रिपोर्ट में उन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद द्वारा ये कदम उठाये जाने पर पाकिस्तान के राष्ट्रीय, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा हितों को बढावा मिलेगा.