भाजपा ने अपने कोटे की 160 सीटों में से 153 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिये हैं. इसके बाद पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं में इस बात पर चर्चा व बहस हो रही है कि किस नेता के कितने लोगों को टिकट मिला? टिकट वितरण में किसकी चली?
चर्चाओं पर भरोसा करें तो टिकट वितरण में बिहार भाजपा के तीनों प्रमुख नेताओं के अलावा केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह व बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव की खूब चली. सांसद अश्विनी चौबे, व पूर्व सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन की भी दखल रही. कुछ दावेदारों व कार्यकर्ताओं तथा जिनका टिकट कटा वे भले ही नाराज या दुखी हैं, लेकिन पार्टी के बड़े, नेताओं में टिकट वितरण को लेकर कोई नाराजगी नहीं है.
सभी बड़े नेता अपनों को टिकट दिलाने में सफल रहे. टिकट वितरण में पार्टी ने अपनी सभी वैध नियमों व मान्य परंपराओं का पालन तो किया लेकिन नेताओं का भी खूब ख्याल रखा गया. यही कारण है कि टिकट वितरण को लेकर बड़े नेताओं की ओर से नाराजगी जैसी कोई बात सामने नहीं आ रही है.
जानकारों के अनुसार टिकट को लेकर बड़े, नेताओं में कोई किचिकच नहीं हो इसलिए मुखर नेताओं से उनकी पसंद पूछ ली गयी थी. पार्टी ने अपनी सीटींग विधायकों में से 19 को इस बार टिकट से बंचित कर दिया. भाजपा की दावेवाली सीट समझौता में चली गयी.
इसके पीछे भी राज है. यह सब इतना फुलप्रुफ हुआ कि किचकिच की सारी संभावनाओं पर पहले ही पानी डाल दिया गया. सांसद अश्विनी चौबे व डॉ सीपी ठाकुर के पुत्र तथा सैयद शाहनवाज हुसैन के समर्थकों को टिकट देकर शांत कर दिया गया.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, राजीव प्रताप रु ड़ी व रामकृपाल यादव के भी कुछ समर्थकों को टिकट मिला. वैसे भाजपा के टिकट वितरण में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय व विधानसभा में विरोधी दल के नेता नंदकिशोर यादव का सबसे अधिक दखल रहा.