काठमांडो : पड़ोसी देश नेपाल का नया संविधान आज से लागू हो जाएगा. यह नया संविधान अंतरिम संविधान 2007 का स्थान लेगा जिसका विरोध यहां जारी है. नेपाल में संविधान से संबंधित चल रहे घटनाक्रम पर भारत नजर गड़ाए हुए है. भारत ने नेपाल के संविधान निर्माण का पूरी तरह समर्थन किया है.
वहीं दूसरी ओर, नेपाल सरकार ने नए संविधान को लेकर आंदोलन कर रहे मधेसी और दूसरे समूहों के साथ नए सिरे से बातचीत का आह्वान किया है तथा भरोसा दिया कि उनकी चिंताओं का निदान संशोधन के जरिए किया जा सकता है. संविधान लागू किए जाने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने आंदोलनकारी मधेसी और थारु समूहों से अपील की है कि वे अपना आंदोलन वापस लें और बातचीत के लिए आगे आएं.
तीन प्रमुख पार्टियों के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में कोइराला ने कहा कि नया संविधान सभी नागरिकों के अधिकारों की गारंटी देता है. उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि वे संविधान लागू किए जाने के ऐलान का जश्न मनाएं. सीपीएन-यूएमएल के प्रमुख केपी शर्मा ओली ने कहा कि प्रांतों के सीमांकन से जुडी चिंताओं का निवारण आने वाले दिनों में किया जा सकता है.