मतगणना के दौरान यह जुमला काफी लोकप्रिय है – ‘मतपेटियों से या इवीएम से निकला जिन्न.’ अक्सर यह वाक्य समाचार की सुर्खियां बनती है. दिलचस्प बात यह है कि इसे जुमला बनाने का श्रेय राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को है.
1995 के विधानसभा चुनाव के दौरान यह लोकप्रिय हुआ और फिर देश भर में फैल गया. 1995 के विधानसभा चुनाव के एक साल पहले तत्कालीन जनता दल में फूट पड़ी थी और नीतीश कुमार व जार्ज फर्नाडीस समेत कई नेताओं ने समता पार्टी का गठन किया था. चुनाव विश्लेषकों का अनुमान था कि लालू प्रसाद सौ सीटें भी हासिल नहीं कर पायेंगे.
मतगणना के एक दिन पहले एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ बातचीत में लालू प्रसाद ने दावा किया – ‘देखिएगा, मतपेटियों से जिन्न निकलेगा.’ सचमुच ऐसा ही हुआ. जनता दल को 167 सीटें मिलीं. यह स्पष्ट बहुमत था. दरअसल जिन्न उन जातियों की एकजुटता की बानगी थी, जिसकी चुनाव प्रक्रिया में पहले कोई खास भूमिका नहीं होती थी.