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अठन्नी-चवन्नी जमा कर बन गया था विधायक

अजीजुल हक पूर्व विधायक,सुगौली अब चुनाव लड़ना व जीतना आसान नहीं है़ सत्तर के दशक में जनता की मांग के अनुरूप पार्टियां प्रत्याशियों को चुनाव में उतारती थीं. जनता उत्साह के साथ सहयोग करती थी़ अब समय बदल गया है और वैसे लोगों को पार्टियां टिकट नहीं देती हैं. टिकट वैसे लोगों को मिल रहा […]

अजीजुल हक
पूर्व विधायक,सुगौली
अब चुनाव लड़ना व जीतना आसान नहीं है़ सत्तर के दशक में जनता की मांग के अनुरूप पार्टियां प्रत्याशियों को चुनाव में उतारती थीं. जनता उत्साह के साथ सहयोग करती थी़ अब समय बदल गया है और वैसे लोगों को पार्टियां टिकट नहीं देती हैं.
टिकट वैसे लोगों को मिल रहा है जो कम से कम दो-चार करोड़ रुपये खर्च करने की क्षमता रखते हैं ये कहते-कहते सुगौली के पूर्व विधायक 90 वर्षीय अजीजुल हक यादों में खो जाते हैं. हक कहते हैं कि जब मैं 1972 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, तो करीब 25 हजार रुपये खर्च हुए थे, जिनका इंतजाम आम लोगों के सहयोग से हुआ था.
उत्साह के साथ लोगों ने अठन्नी-चवन्नी भी चंदा में दिया था. ऐसे ही सहयोग से मैं उस समय चुनाव जीत गया था. हक ने बताया कि अभी के दौर में टिकट के लिए चारों तरफ मैनेज करने का खेल चल रहा है. ऐसे ही लोग चुनाव लड़कर विधान सभा में पहुंच रहे हैं.
चुनाव लड़ने में करोड़ों का खर्च आ रहा है. इसलिए पार्टियों भी उन्हें ही टिकट दे रही हैं जो करोड़ों रुपये खर्च करने की क्षमता रखते हैं.
जो प्रत्याशी इतना पैसा खर्च करके चुनाव जीतेगा, वो पहले अपना खर्च निकालेगा, उसके बाद जनता के लिए सोचेगा. जब वह जनता के लिए सोचना शुरू करेगा तब उसका टर्म पूरा हो जाएगा.
हमारे समय में ऐसा नहीं होता था. अच्छे कार्यकर्ता को पार्टी आलाकमान खुद चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करता था. उस समय पार्टियों का कार्यालय भी जनता के पैसे से चलता था और कार्यालय में जनता की समस्याओं को सुनने के लिए लोग रहते थ़े अब यह चलन एकदम खत्म हो गया है. पार्टी कार्यालय में सिर्फ पार्टी का काम होता है. आम जनता जाती भी नहीं है.
इससे राजनीतिक पार्टियों और जनता के बीच दूरी बढ़ी है. दूरी बढ़ने से संवाद भी घटा है. पार्टियां जनता की समस्याओं की नहीं सुनती हैं, चुनावी घोषणापत्र में सिर्फ यह बताया जाता हैं कि सत्ता मिलने पर वह क्या करने वाली हैं. प्रत्याशी भी अपने क्षेत्र में कम ही जाते हैं. यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है.

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