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सरताज अजीज ने गाया ”कश्मीर राग”, पाकिस्तान उच्चायोग ने ईद पर हुर्रियत नेताओं को दिया न्योता

इस्‍लामाबाद : पाकिस्‍तान ने एक बार फिर कश्‍मीर राग अलापना शुरू कर दिया है. पाकिस्‍तान की ओर से आज उसकेराष्‍ट्रीय सुरक्षा एवं विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि जब तक एजेंडा में कश्मीर नहीं होगा, तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती. अजीज ने कहा कि भारत को समझौता ब्‍लास्‍ट पर और […]

इस्‍लामाबाद : पाकिस्‍तान ने एक बार फिर कश्‍मीर राग अलापना शुरू कर दिया है. पाकिस्‍तान की ओर से आज उसकेराष्‍ट्रीय सुरक्षा एवं विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि जब तक एजेंडा में कश्मीर नहीं होगा, तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती. अजीज ने कहा कि भारत को समझौता ब्‍लास्‍ट पर और अधिक जानकारी मुहैया करानी होगी. इसके साथ ही पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मुंबई हमले के मास्‍टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी के खिलाफ और सबूत की मांग की है.उधर, आज भारत स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने 21 जून को ईद के मौके पर हुर्रियत नेताओं को न्यौता दिया है.

पिछले सप्‍ताह रूस में संघाई सहयोग समित की बैठक के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच हुई मुलाकात में कश्‍मीर मुद्दे का कोई जिक्र नहीं था. हालांकि, बातचीत में कश्‍मीर मुद्दा शामिल नहीं करने पर शरीफ की पाकिस्‍तान में जमकर आलोचना हुई थी. इसी के बाद शरीफ ने फिर से कश्‍मीर राग अलापना शुरू किया है. भारत और पाकिस्‍तान के बीच मुलाकात और बातचीत को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने दोनों देशों के लिए अच्‍छा संकेत करार दिया था.

गौरतलब है कि एससीओ की शिखर बैठक से पहले भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत में मोदी ने अगले वर्ष पाकिस्तान में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन में आने का शरीफ का न्यौता स्वीकार किया है. मुलाकात में तय किया गया कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल एवं पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज नयी दिल्ली में या तो अगले महीने या फिर सितंबर में मुलाकात करेंगे. ये मुलाकात आतंकवाद से जुडे सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए होगी.

लेकिन इस मुलाकात से पहले ही पाकिस्‍तान ने अपनी मंशा स्‍पष्‍ट करते हुए कहा कि वह कश्‍मीर मुद्दे के बिना किसी भी बातचीत में हिस्‍सा नहीं लेगा. सरताज अजीज ने कहा कि पाकिस्तान को मुंबई पर आतंकी हमले से जुडे मामले पर भारत से अधिक सूचना और साक्ष्य की जरूरत है. उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने रूस में नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान समझौता रेल विस्फोट में अधिक जानकारी की मांग की है. शरीफ की मोदी के साथ मुलाकात एक अच्छी शुरुआत थी जिसका लक्ष्य तनाव कम करना था.

मोदी-शरीफ मुलाकात में आतंकवाद के मुद्दे पर हुई थी चर्चा

नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच बातचीत में मुख्य रूप से आतंकवाद पर चर्चा हुई थी. गौरतलब है कि मोदी और शरीफ ने पिछले साल नयी दिल्ली में मई में द्विपक्षीय वार्ता की थी, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आये थे. उसके बाद पिछले साल नवंबर में दोनों नेताओं की मुलाकात काठमांडो में दक्षेस शिखर सम्मेलन के दौरान हुई. दोनों के बीच उस समय दुआ सलाम ही हुई थी.

मोदी और शरीफ की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया. पांच सूत्री रोडमैप दर्शाते एक पृष्ठ के इस बयान में कहा गया था कि दोनों पक्ष मुंबई हमले से जुडे (पाकिस्तान में चल रहे) मुकदमे की कार्यवाही तेज करने के तौर तरीकों पर चर्चा को सहमत हो गये. इसमें ‘आवाज के नमूने’ मुहैया कराने जैसी अतिरिक्त सूचनाएं शामिल हैं.’

मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तान की अदालत में चल रहे मुकदमे की कार्यवाही लगभग नहीं के बराबर चलने से भारत काफी नाराज था. हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर ए तय्यबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी को अदालत द्वारा रिहा करने का भी भारत ने कडा विरोध किया. पाकिस्तानी सरकार की ओर से अपेक्षित सबूत नहीं पेश नहीं करने के कारण लखवी अदालत से रिहा हो गया.

अंतरराष्‍ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर बातचीत को तैयार थे दोनों देश

रूस में संयुक्त बयान में कहा गया था कि सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और उनके पाकिस्तानी रेंजर्स के समकक्ष के बीच जल्द बैठक तथा उसके बाद सैन्य आपरेशन महानिदेशकों की बैठक का फैसला शामिल है. संयुक्त बयान में और विदेश सचिव एस जयशंकर और ऐजाज अहमद चौधरी (पाकिस्तानी विदेश सचिव) के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कश्मीर का कहीं कोई जिक्र नहीं आया था.

पाकिस्तान में शुरुआत में तो मोदी और शरीफ की मुलाकात का स्वागत किया गया लेकिन संयुक्त बयान में कश्मीर मुद्दे का जिक्र नहीं होने को लेकर नेताओं और मीडिया ने सरकार की आलोचना की. बयान में कहा गया कि मोदी और शरीफ इस बात पर भी सहमत हुए कि शांति सुनिश्चित करना और विकास को प्रोत्साहित करना भारत और पाकिस्तान की संयुक्त जिम्मेदारी है. ऐसा करने के लिए वे सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा को तैयार हैं.

बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने आतंकवाद की उसके ‘सभी स्वरूपों में’ निन्दा की और इस बात पर सहमत हुए कि दक्षिण एशिया से इस खतरे को समाप्त करने के लिए वे एक दूसरे का सहयोग करेंगे. अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति कायम करने से सहमत दोनों पक्ष इस बात पर भी राजी हुए कि सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और पाकिस्तानी रेंजर्स के महानिदेशको के बीच जल्द बैठक होनी चाहिए और उसके बाद दोनों देशों के सैन्य परिचालन महानिदेशकों के बीच बैठक होनी चाहिए. उस समय जब शरीफ से पूछा गया कि आज के घटनाक्रम से खुश हैं, तो शरीफ का जवाब था, ‘हां’.

देश के लोगों को तुष्ट करने के लिए बयान दे रहे हैं अजीत : आरके सिंह

उधर, पाकिस्तान के इस नये स्टैंड पर भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरताज अजीज ऐसा बयान अपने देश के लोगों(डोमेस्टिक ऑडियंस) को संतुष्ट करने के लिए दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बहुत स्पष्ट है कि मुंबई हमले के दौरान पाकिस्तान के कंट्रोल रूप से ऑपरेशन चल रहा था और हमने इस संबंध में सारा दस्तावेज पाक को सौंप दिया है.

उन्होंने कहा कि मुंबई हमले में आइएसआइ का हाथ था और वह वहां की निर्वाचित सरकार का बात नहीं सुनती है. आरके सिंह ने कहा कि पाकिस्तान वह देश है, जो आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को अपनी सैनिक छावनी के बगल में शरण देता है और पूरी दुनिया को कहता है कि वह उसके यहां नहीं है. उन्होंने कहा कि दाउद भी उसके यहां है, लेकिन वह कभी इसे स्वीकार नहीं करेगा.

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