18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

परफॉर्म करना जरूरी है लेकिन प्रेशर में नहीं

।।दक्षा वैदकर।।मेरे अपार्टमेंट में छोटी-सी बच्ची आस्था रहती है. पांच साल की आस्था को बहुत सारी कविताएं याद हैं. कुछ दिनों पहले उनके घर पर मेहमान आये. सभी ने आस्था की तारीफ सुन रखी थी. उन्होंने उसकी मम्मी से कहा, ‘हमें भी आस्था की कविता सुननी है.’ आस्था उस वक्त मेरे साथ खेल रही थी. […]

।।दक्षा वैदकर।।
मेरे अपार्टमेंट में छोटी-सी बच्ची आस्था रहती है. पांच साल की आस्था को बहुत सारी कविताएं याद हैं. कुछ दिनों पहले उनके घर पर मेहमान आये. सभी ने आस्था की तारीफ सुन रखी थी. उन्होंने उसकी मम्मी से कहा, ‘हमें भी आस्था की कविता सुननी है.’ आस्था उस वक्त मेरे साथ खेल रही थी. उसकी मम्मी मेरे घर पर उसे लेने आयी और उसे डांटते हुए बोली, ‘घर में अंकल लोग आये हैं. उनको चल कर कविता सुना दो.

अच्छे से सुनाना. मेरी नाक मत कटवा देना.’ अब भला उस बेचारी बच्ची को क्या पता था कि नाक कटना का मतलब सभी के सामने इन्सल्ट होना होता है. खैर, उसे यह जरूर समझ आ गया था कि अगर कविता ठीक से नहीं सुनायी, तो बहुत बुरा होनेवाला है. उस दिन मेहमानों के सामने आस्था के मुंह से कोई कविता नहीं निकली. वह कविता ही भूल गयी थी.

आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसके साथ क्या हुआ होगा. जी हां, बच्ची प्रेशर की वजह से सब भूल गयी. प्रेशर के कारण उसकी परफॉर्मेंस बिगड़ गयी. आस्था की तरह हम भी कई बार अपनी परफॉर्मेस प्रेशर की वजह से बिगाड़ देते हैं. कभी हम पढ़ाई का प्रेशर अपने ऊपर लेते हैं, तो कभी फस्र्ट आने का. कभी डेडलाइन मैच करने का, तो कभी प्रेजेंटेशन का. कभी दोस्तों के सामने कूल डूड दिखने का प्रेशर, तो कभी सास से बेहतर खाना बनाने का.

कई लोगों को तो यह भी लगता है कि प्रेशर एक अच्छी चीज होती है. प्रेशर नहीं होगा, तो हम अच्छा परफॉर्म नहीं करेंगे. लेकिन यह सोच सरासर गलत है. प्रेशर एक इमोशन है, जो हम खुद अपने दिमाग में बनाते हैं. यह एक तरह का डर है, जिसमें हम सोचते हैं कि अगर मैं यह नहीं कर पाया, तो क्या होगा? मैं कैसा महसूस करूंगा? मैं यह कर पाऊंगा या नहीं? इस विचार को जितनी जल्दी आप बदल सकते हैं, बदल दें. इस तरह खुद पर प्रेशर डाल कर कामकराने की आदत नुकसानदायक हो सकती है. यह प्रेशर आपको चिड़चिड़ा बनाता है, आपका गुस्सा बढ़ाता है. इस दौरान आपका स्वभाव सभी के लिए बदल जाता है, जिससे संबंध खराब हो जाते है. बीमारियां भी हो जाती हैं.

बात पते की..

-जब भी दिमाग में यह विचार आये कि मैं यह काम नहीं कर पाया तो क्या? तुरंत खुद को रोकें और खुद से कहें कि मैं यह काम कर सकता हूं.

-फेल हो गया तो? डेडलाइन मैच न हुई तो? इस डर को भगाने के लिए सोचें कि ज्यादा-से-ज्यादा क्या बुरा होगा? जो भी होगा, आप हैंडल कर लेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें