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जानिए किस तरह बनाये गये पिनकोड?

पिनकोड यानी पोस्टल इंडेक्स नंबर भारतीय डाक व्यवस्था के वितरण के लिए बनाया गया नंबर है. छह संख्याओं के इस कोड में सबसे पहला नंबर क्षेत्रीय नंबर है. पूरे देश को आठ क्षेत्रीय और नब्बे फंग्शनल जोन में बांटा गया है. दूसरा नंबर उप क्षेत्र का नंबर है. तीसरा नंबर सॉर्टिग डिस्ट्रिक्ट का नंबर है. […]

पिनकोड यानी पोस्टल इंडेक्स नंबर भारतीय डाक व्यवस्था के वितरण के लिए बनाया गया नंबर है. छह संख्याओं के इस कोड में सबसे पहला नंबर क्षेत्रीय नंबर है. पूरे देश को आठ क्षेत्रीय और नब्बे फंग्शनल जोन में बांटा गया है. दूसरा नंबर उप क्षेत्र का नंबर है. तीसरा नंबर सॉर्टिग डिस्ट्रिक्ट का नंबर है. अंतिम तीन संख्याएं संबद्ध डाकघरों से जुड़ी हैं. दिल्ली को शुरुआती नंबर 11 व 12 मिला है और 13 नंबर हरियाणा को मिला है.
14, 15 नंबर पंजाब को. इसी तरह 20 से 28 नंबर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को मिले हैं. बिहार और झारखंड को 80 से 85 नंबर मिले हैं. किसी एक शहर या जिले में नंबर बनाने का तरीका दिल्ली में देखा जा सकता है. यहां के आठ जिलों के पिनकोड भौगोलिक स्थित के अनुसार बांटे गये हैं. नयी दिल्ली के कनॉट प्लेस, बंगाली मार्केट के आस-पास के इलाकों के नंबर 110001 से शुरू होते हैं. मिंटो रोड, अजमेरी गेट और दरियागंज वगैरह का नंबर है – 110002. इसके बाद लोदी रोड, सफदरजंग एयरपोर्ट और पंडारा रोड आदि का नंबर है -110003. यमुना पार इलाके में मयूर विहार के फेज-1 में 110091 से होता हुआ गाजीपुर, मयूर विहार फेज-3 और वसुंधरा एन्क्लेव में यह 110096 हो जाता है.

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