कोलकाता :पश्चिम बंगाल सरकार ने आदिवासी युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण दिया है. तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद 25 युवतियों को सरकार की ओर से प्रमाणपत्र व पार्लर के लिए कुछ सामान भी दिये गये हैं.
प्रशिक्षण लेनेवाली युवतियां अब अपने गांव में लौट कर घरों में ही ब्यूटी पार्लर खोलेंगी. इस प्रशिक्षण में हर युवती पर 17 हजार रुपये खर्च हुए हैं. इनमें से कुछ को निजी पार्लरों में नौकरी भी मिल गयी है. गांव की इन युवतियों को ब्यूटीशियन की ट्रेनिंग देने का जिम्मा सरकार ने निजी सौंदर्य प्रसाधन व सलाहकार संस्थाओं को सौंपा है.
बढ़ता आत्मविश्वास
पिछड़े तबके की इन आदिवासी युवतियों के सशक्तीकरण की दिशा में इस पहल ने महिलाओं का आत्मविश्वास कई गुना बढ़ा दिया है. इनमें कुछ शादीशुदा महिलाएं भी हैं. इनके पति किसी तरह दैनिक मजदूरी के जरिये पेट पालते हैं.
आर्थिक तंगी के कारण इन महिलाओं ने स्वरोजगार के रास्ते अपनाये हैं. ऐसी ही एक महिला लक्ष्मी दास कहती हैं, इस प्रशिक्षण ने मुङो जीने का एक नया सहारा दिया है. मेरे पति का निधन पिछले साल ही हो गया, जिसके बाद मेरे ससुरालवालों ने मुङो घर से बेदखल करने की ठान ली थी. अब मैं भी कमा कर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाऊंगी. राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री उपेन विश्वास कहते हैं, प्रशिक्षण पानेवाली ज्यादातर महिलाएं बेहद गरीब परिवारों से हैं. इस प्रशिक्षण के बाद उनमें नया आत्मविश्वास पैदा हुआ है.
गांवों में ब्यूटी पार्लर