रांची:राजधानी रांची की कॉलेज जानेवाली युवतियां खुद को सुरक्षित नहीं समझतीं. घर से कॉलेज जाने और वापस घर पहुंचने के क्रम में उन्हें कई जगह छेड़खानी का सामना करना पड़ता है. रिक्शा हो या ऑटो, हर जगह मनचले मिल ही जाते हैं. इस संदर्भ में प्रभात खबर ने शहर की छात्रओं से बातचीत की.
* आज लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. लड़कियों के साथ कहीं भी छेड़खानी हो जाती है.पुलिस को चाहिए कि लड़कियों की सुरक्षा की गारंटी दें, ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े.
* हम टय़ूशन जाते हैं, तो छतरी को हाथ में रखना पड़ता है, ताकि अपनी सुरक्षा के लिए उसका प्रयोग कर सके. क्योंकि, छेड़खानी कभी भी कही ंभी हो सकती है. सरकार सुरक्षा दें.
दिव्या शर्मा, संत जेवियर्स कॉलेज
* युवतियां आज सुरक्षित नहीं हैं. सबके साथ छेड़खानी तो होती ही हैं. छेड़खानी हो तो आवाज उठाना होगा. पुलिस को भी हमारा साथ देना होगा.
प्रीति, मारवाड़ी कॉलेज
*कई कॉलेजों में इवनिंग क्लासेस होती है. हमे भी कॉलेज से घर जाने में शाम हो जाता है. उस समय रिक्शा वाले या ऑटो वाले छेड़खानी करते हैं.
शफक, जेवियर्स कॉलेज
* अपनी सुरक्षा के लिए महिलाओं को ही आगे आना होगा. मां को अपने बेटों को घर पर महिलाओं का सम्मान करना सिखाना होगा. संस्कार की बातें शुरू से बतानी होगी.
स्नेहा सिंह, पूर्व छात्र , अर्थशास्त्र
* ऑटो हो या रिक्शा, किस पर भरोसा किया जाये. किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता. सब एक जैसा ही व्यवहार करते हैं. शाम में लड़कियां ज्यादा असुरक्षित है.
जेब,जेवियर्स कॉलेज