* जिले में शिक्षा विभाग की प्रगति संतोषजनक नहीं : डीएम
जमुई : राज्य स्तर पर जमुई जिला शिक्षा विभाग की रैंकिंग बहुत खराब है. यह 30 से भी नीचे जा चुका है. जिला में शिक्षा विभाग की दयनीय स्थिति पर जिलाधिकारी द्वारा सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्य में शिथिलता बरतने को लेकर शिक्षा विभाग के सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी का वेतन अगले आदेश तक बंद करने का दिया गया है.
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी प्रभाग प्रभारी से समन्वय बनाकर शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सभी कार्यक्रमों को शत प्रतिशत कार्यान्वयन कराना सुनिश्चित करायें. उक्त आदेश जिलाधिकारी श्री तिवारी ने मंगलवार को शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान दिया.
उन्होने शिक्षा विभाग की सभी योजनाओं/परियोजनाओं के कार्यान्वयन में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि स्कूलों में पठन- पाठन के स्तर में गुणात्मक सुधार के लिये सभी शिक्षकों एवं गैर शैक्षणिक कर्मियों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करायें. विद्यालय से शिक्षकों की अनुपस्थित रहने की अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही है.
विद्यालयों में पानी शौचालय आदि बुनियादी जरूरतों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया.मौके पर डीपीओ सर्व शिक्षा द्वारा बताया गया कि 356 विद्यालयों में शौचालय सुविधा नहीं है. इसके लिये जमीन की अनुपलब्ध्ता को कारण बताया गया है. जिसके जबाब में डीईओ बी एन झा द्वारा स्पष्ट किया गया कि मात्र 140 विद्यालयों में जमीन की कमी है.
जिलाधिकारी द्वारा उक्त स्कूलों की सूची तत्काल उपलब्ध कराने को कहा गया.उन्होने कहा कि 36 घंटे के अंदर जमीन उपलब्ध करा दिया जायेगा. जिलाधिकारी द्वारा तत्काल एडीएम को इस संबंध में सीओ की बैठक बुलाकर स्कूलों के लिए जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग द्वारा समीक्षा के लिए प्रस्तुत किये गये प्रतिवेदन को अनुमान पर आधारित बताया और वास्तविक प्रतिवेदन देने का निर्दश दिया गया.
माननीय मुख्य मंत्री के प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम के मद्देनजर 13 मई 2013 तक सभी कार्यक्र मों एवं उपलब्धियों से संबंधित डाटा जिला कार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 10 कस्तूरबा विद्यालय सहित लगभग 35 विद्यालयों में कंप्यूटर फंक्शनल नहीं है.
जिलाधिकारी ने इन उपकरणों को शीघ्र फंक्शनल बनाने का निर्देश दिया. शिक्षकों के नियोजन की समीक्षा में पाया गया कि जिला में 75 प्रतिशत स्थानों पर ही नियोजन हो सका है. जिसके तहत लक्ष्मीपुर प्रखंड में 35, गिद्घौर प्रखंड में 19, बरहट प्रखंड में 20 पदों पर शिक्षकों का नियोजन नहीं हुआ है.
उन्होंने सभी डीपीओ/बीइओ/साधन सेवी को अग्रिम भ्रमण कार्यक्रम अनुमोदित कराकर उसी आधार पर क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं का अनुश्रवण करने एवं प्रतिवेदन देने का निदेश दिया. सभी बीइओ को अपने प्रखंड में स्थापित बसुधा केंद्र से जिलाधिकारी के मेल पर आज से ही प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया गया.
* प्रभार नहीं देने वाले शिक्षक होंगे निलंबित
सिकंदरा : माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये आदेश के आलोक में शिक्षा विभाग, बिहार सरकार व जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देशानुसार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने प्रखंड के कुल 30 विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापक को अपना प्रभार विद्यालय के वरीय शिक्षक को सौंपने का आदेश दिया था.
इसके बाद भी माननीय उच्च न्यायालय के आदेश व राज्यादेश की अवहेलना करते हुए कई विद्यालय के प्रधानाध्यापकों ने अपने-अपने वरीय शिक्षक को प्रभार नहीं दिया जिसके कारण पूर्व में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने प्रभार नहीं देने व नहीं लेने वाले लगभग 40 शिक्षकों का वेतन बंद करने का आदेश दिया था.
वेतन बंद करने का आदेश दिये जाने के बाद प्रभार वरीय शिक्षक को देना उचित नहीं समझा. जिला शिक्षा पदाधिकारी बीएन झा ने बताया कि प्रभार नहीं देने वाले शिक्षकों को चिह्न्ति करते हुए एक से दो दिनों में उनको निलंबित करने का आदेश दिया जायेगा.