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शिक्षक के घर बारात लेकर पहुंची प्रेमिका

मड़वन (मुजफ्फरपुर) : पहले तो एक शिक्षक ने अपनी शिष्या को पढ़ाई की जगह प्रेम का पाठ पढ़ाया और चाल साल तक उसका यौन शोषण करता रहा, लेकिन बात शादी की आयी, तो प्रेमी शिक्षक ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. पंचायत में मामला गया, वहां भी बात नहीं बनी. इस दौरान कई बार […]

मड़वन (मुजफ्फरपुर) : पहले तो एक शिक्षक ने अपनी शिष्या को पढ़ाई की जगह प्रेम का पाठ पढ़ाया और चाल साल तक उसका यौन शोषण करता रहा, लेकिन बात शादी की आयी, तो प्रेमी शिक्षक ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. पंचायत में मामला गया, वहां भी बात नहीं बनी.
इस दौरान कई बार उसने प्रेमिका शिष्या का गर्भपात भी कराया. इधर, बात नहीं बनते देख प्रेमिका शुक्रवार को अपने परिजनों व सैकड़ों महिलाओं के साथ बारात लेकर प्रेमी शिक्षक के घर पहुंच गयी, लेकिन बारात की भनक मिलते ही प्रेमी शिक्षक घर के गेट पर ताला बंद करके पिछले दरवाजे से फरार हो गया और खबर लिखे जाने तक घर नहीं आया था. वहीं, पूरे मामले को लेकर घंटों हाई-वोल्टेज ड्रामा चला. प्रेमी शिक्षक के दरवाजे पर धरना से लेकर सड़क तक जाम की गयी. अंत: में शिष्या से प्रेमिका बनी युवती अपने घर लौट आयी, लेकिन उसने हार नहीं मानी है. वह कह रही है, हम इसके लिए कानून का दरवाजा खटखटायेंगे.
पंचायत शिक्षक मुकेश से पढ़ने के लिए चार साल पहले दीपिका (काल्पनिक नाम) आयी थी. मुकेश ने दीपिका को पढ़ाना तो शुरू किया, लेकिन कुछ ही दिन में उसके साथ प्रेम संबंध बना लिये. इसके बाद शादी का झासा देकर दीपिका का यौन शोषण करने लगा. गर्भ ठहरा तो मुकेश ने दीपिका का गर्भपात करा दिया.
दीपिका मुकेश की बात लगातार मानती रही, उसे लग रहा था कि वो उससे शादी कर लेगा, लेकिन इसी बीच मुकेश को पंचायत शिक्षक के रूप में नौकरी मिल गयी. ये बात लगभग डेढ़ साल पहले की है, तब मुकेश की शादी के प्रस्ताव अन्य जगहों से आने लगे. ये बात जब दीपिका को पता चली, तो उसने विरोध करना शुरू कर दिया और उसे बरगलाता रहा.
बताते हैं कि इस साल मुकेश की शादी तय हो गयी है. मई में उसकी बारात जानेवाली है. ये बात दीपिका को पता चली, तो उसने फिर से मुकेश पर शादी का दबाव बनाया, लेकिन मुकेश ने दीपिका को ये कहते हुये मना कर दिया कि तुम दूसरी जाति की हो, हमारी-तुम्हारी शादी नहीं हो सकती है, लेकिन दीपिका ने हार नहीं मानी, वो मुकेश से मिलने के लिए उसके स्कूल रसूलपुर तक पहुंच गयी. शुक्रवार को जब दीपिका अपनी मां व दर्जनों अन्य महिलाओं पुरुषों के साथ मुकेश के दरवाजे पर पहुंची, तो वहां का माहौल बदल गया.
मुकेश मौके से भाग गया, लेकिन दीपिका ने उसके घर के बाहर डेरा डाल दिया. मां व अन्य लोगों के साथ घंटों बैठी रही. इसी बीच कुछ महिलाओं ने एनएच 102 जाम कर दिया. मौके पर पुलिस को बुलाने की मांग करने लगीं. कुछ ही देर में करजा थाने से दारोगा भीम सिंह मौके पर पहुंच गये. उन्होंने दीपिका व उसके परिनजों को इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया, तो जाम हट गया. इस बीच आसपास रहनेवाले सैकड़ों की संख्या में लोग मौके पर पहुंच चुके थे.
प्रखंड प्रमुख मो. मोहसीन, मुखिया पति फारुक आजम, जदयू अध्यक्ष रामज्ञा सहनी, बैद्यनाथ सिंह, मनोज सिंह ने पहल की, तो दारोगा के सामने मुकेश का भाई प्रमोद आया. उसने कहा कि समाज का जो फैसला होगा, वो उसे मानेगा. प्रमोद ने कहा कि जब उसे मालूम चला, तो उसने मुकेश से बात करने की कोशिश की, लेकिन वो भाग गया. इसके बाद मौके पर घंटों प्रेमिका व अन्य लोग जमे रहे, लेकिन मुकेश नहीं आया, तब सभी वापस अपने घरों को चले गये.

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