।।दक्षा वैदकर।।
कुछ दिनों पहले मैं एक अंकल के घर गयी, जो पंजाबी हैं. परिवार का बड़ा बेटा, जो एक बिजनेस चलाता है, उसने अपने पिता से आकर कहा, फलां का बिजनेस इतना अच्छा कैसे चल रहा है? मेरा ही क्यों नहीं चल रहा है? उसका फायदा बढ़ता जा रहा है, उसकोदेख कर मेरा तनाव बढ़ रहा है. अंकल ने बेटे को पंजाबी में एक खूबसूरत पंक्ति कह कर समझाया. उसका अर्थ था, जिसको रब ने यह पोजीशन दी, उसके साथ बैर क्यों? मतलब सामनेवाले से जलन करना यानी भगवान पर सवाल उठाना.
उन्होंने कितनी सरल भाषा में बहुत बड़ी बात कह दी. इस पर हमें सोचना चाहिए. कई बार हम दूसरों की सफलता पर प्रश्न चिह्न् लगा देते हैं, जो बहुत गलत है. हम सब इस तरह की बातें कई बार कह देते हैं कि फलां आदमी का बिजनेस इतना अच्छा कैसे चल रहा है? उसका प्रोमोशन कैसे हो गया? उसने इतनी बड़ी गाड़ी कैसे ले ली? उसका बेटा इतने अच्छे मार्क्स कैसे ले आया? इसे हम तुलना करना नहीं कहेंगे, बल्कि जलन करना कहेंगे.
जलन की भावना सामनेवाले को तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन हमें जरूर पहुंचाती है. जब आप किसी से जलन करते हैं, तो आपके अंदर डर की भावना आ जाती है कि सामनेवाला कहीं मुझसे आगे न निकल जाये. मैं कहीं पीछे न रह जाऊं. आपका आत्मविश्वास यदि 80 प्रतिशत है, तो वह 60 प्रतिशत पर आ जाता है. आपके अंदर असुरक्षा की भावना आ जाती है. ये सारी चीजें आपको और अधिक कमजोर करती हैं और इससे आपका आउटपुट और कम हो जाता है. परिणामस्वरूप, आपका और अधिक नुकसान होता है और फिर आप यही सब दोबारा सोचने लगते हैं. यह प्रक्रिया चलती रहती है. इस तरह सामनेवाले व्यक्ति और आपके बीच का अंतर बढ़ता जाता है.
इसके विपरीत, यदि आप सामनेवाले की सफलता से जलेंगे नहीं, खुश होंगे और केवल अपने काम पर ध्यान देंगे, तो आप अपना सर्वश्रेष्ठ आउटपुट दे सकेंगे. याद रहे, यह ब्रह्मांड न आपको खुशियां देता है और न ही सजा देता है. यह सिर्फ आपकी वाइब्रेशंस को लौटाता है. अगर आप किसी के प्रति नकारात्मक सोचेंगे, तो आपके साथ बुरा ही होगा. बात पते कीः
-आप खुद की तुलना दूसरों से करेंगे, तो हमेशा दुखी रहेंगे. हर व्यक्ति अपना भाग्य लेकर आया है. उससे जलन की भावना न रखें. उसे सम्मान दें.
-आप सिर्फ अपने कर्मो पर ध्यान दें. खुद को बेहतर बनायें. जब आप दूसरों से तुलना करेंगे, तो आपके अंदर जलन आ जायेगी, जो नुकसान करेगी.