वाशिंगटन : अमेरिका के दो विशेषज्ञों ने अमेरिकी सांसदों को आगाह किया है कि बडे आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में अगर भारत सैन्य हमला करता है तो पाकिस्तान उसके खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. उनके मुताबिक भारत में मजबूत सरकार है और मुंबई हमले जैसी घटना फिर से होने पर भारतीय नागरिकों के दबाव पर दोनों पडोसी देशों के बीच परमाणु युद्ध छिडने का खतरा पैदा हो सकता है, खासकर पाकिस्तान की ओर से इसका खतरा है.
अमेरिकी विशेषज्ञों जॉर्ज परकोविक और एश्ले टेलिस ने कल सुनवाई के दौरान रणनीतिक बल पर सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति की उपसमिति के सदस्यों को बताया कि इस तरह के खरतनाक हालात को तभी टाला जा सकता है जब अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए इस्लामाबाद के साथ मिलकर काम करे कि पाकिस्तान की सरजमीं से भारत के खिलाफ बडे पैमाने पर आतंकी हमला नहीं होगा. ‘स्टडीज कारनेजी एंडोवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ के उपाध्यक्ष परकोविक ने कहा, ‘‘दक्षिण एशिया इसको लेकर सर्वाधिक आशंका वाला स्थान है जहां भविष्य में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत-पाकिस्तान प्रतिस्पर्धा की असामान्य गतिशीलता से यह खतरा पैदा होता है.’’
परकोविक ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर ऐसी खतरे वाली स्थिति है जहां आतंकवाद से पैदा हुए पारंपरिक संघर्ष के परमाणु युद्ध में तब्दील होने का खतरा है. यह भारत और पाकिस्तान के नीति निर्माताओं के लिए चुनौती है. भारत और पाकिस्तान इस तरह के खतरे की आशंका को कमतर करके पेश करते रहे हैं अथवा खारिज करते रहे हैं, लेकिन हमारे खुद के इतिहास से अमेरिकी अधिकारियों को इन खतरों को लेकर अधिक सजग हो जाना चाहिए.’’ टेलिस ने कहा कि इस स्थिति में पाकिस्तान को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल तथा इसके परिणाम में भारत की ओर से परमाणु प्रतिक्रिया को रोकने की दिशा में अमेरिका का सार्थक योगदान यह होगा कि पाकिस्तान पर आतंकवाद की गतिविधियों से दूर होने के लिए दबाव बनाया जाए. इन दोनों विशेषज्ञों ने सीनेट की उपसमिति के सदस्यों से कहा कि पाकिस्तान के पास आज के समय में भारत से अधिक परमाणु हथियार हैं.