सुनने में भले ही यह अजीब लगे लेकिन यह सच है कि पुरुष भी स्तन कैंसर के शिकार होते हैं और उनमें इस बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं.यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सास एम डी एंडर्सन कैंसर सेंटर के अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 2,500 से अधिक मामलों के अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.उनका कहना है कि […]
सुनने में भले ही यह अजीब लगे लेकिन यह सच है कि पुरुष भी स्तन कैंसर के शिकार होते हैं और उनमें इस बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं.यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सास एम डी एंडर्सन कैंसर सेंटर के अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 2,500 से अधिक मामलों के अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.उनका कहना है कि पुरुषों में स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि के बावजूद महत्वपूर्ण बात यह है कि वह इसकी संभावना के बारे में जागरुक हैं.
अध्ययन के अनुसार, पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले पिछले 25 साल में प्रति 100,000 में 0.86 से बढ़ कर अब 1.08 हो गए हैं.अनुसंधानकर्ताओं ने तुलना के लिए महिलाओं में स्तन कैंसर के 380,000 से अधिक मामलों को भी देखा.उन्होंने पाया कि महिला मरीजों की तुलना में पुरुष मरीजों को अधिक उम्र बीतने पर स्तन कैंसर का पता लगा. साथ ही कुछ को अधिक उम्र में यह बीमारी होने की आशंका पाई गई.
ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि पुरुषों में स्तन के ट्यूमर का पता लगाना ज्यादा आसान है. लेकिन उन्हें लग सकता है कि ऐसे ट्यूमर उन्हें ‘गाइनेकोमैस्टिया’ की समस्या के चलते होते हैं.पुरुषों में सबसे आम स्तन ट्यूमर डक्टल कैर्सीनोमाहै जिसके मामलों की संख्या 93.4 फीसदी पाई गई.इसके अलावा पुरुषों को एस्ट्रोजन पॉजिटिव ट्यूमर होने की आशंका भी होती है जिसके लिए वह टैमोक्सीफेन इलाज करा सकते हैं.स्तन कैंसर के शिकार महिला और पुरुष मरीजों के बचने की दर लगभग समान है.