बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि तृणमूल को खत्म कर राज्यसभा में भाजपा अपनी बहुमत की कमी को पूरा करना चाहती है. लेकिन उसका यह मकसद कभी भी पूरा नहीं होगा. इसके खिलाफ लोकसभा में प्रतिवाद किया जायेगा. सांसद डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को राज्य सरकार का प्रतिनिधि दल एक ज्ञापन सौंपेगा. उन्होंने कहा कि पार्टी 1994-95 से चुनाव सुधार की मांग कर रही है और वह संसद में मजबूती के साथ अपनी इस मांग को रखेगी. चटर्जी ने बताया कि नगरपालिका चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने एक कमेटी का गठन किया है. इसमें मुकुल राय, सुब्रत मुखर्जी, सुब्रत बक्शी, जावेद खान, नैना बंद्योपाध्याय, पार्थ चटर्जी, दिनेश बजाज, शोभन देव चटर्जी व अन्य नेता शामिल हैं. इधर, सांसद दिनेश त्रिवेदी को बनगांव लोकसभा सीट के उपचुनाव में प्रचार करने के लिए कहा गया है. गौरतलब है कि हाल में दिनेश त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के अलावा तृणमूल कांग्रेस की कुछ नीतियों पर सवाल उठाया था. इसी तरह सुब्रत मुखर्जी ने भी यादवपुर विश्वविद्यालय प्रकरण में पार्टी के रुख के खिलाफ बयान दिया था.
बैठक के बाद सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि भाजपा ने जो चैलेंज उन्हें दिया है उसे वह स्वीकार करते हैं. राज्य में सांप्रदायिक राजनीति को बरदाश्त नहीं किया जायेगा. दूसरी ओर, पार्टी नेता व सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि विदेशों में जमा काला धन वापस लाने जैसे चुनाव पूर्व किये गये वादों को पूरा करने में विफल रहने को लेकर पार्टी संसद के बजट सत्र के दौरान मोदी सरकार से जवाब मांगेगी. पार्टी ने कहा कि वह करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस नेताओं से सीबीआइ द्वारा पूछताछ करने को लेकर सरकार से राजनीतिक रुप से लड़ेगी. उन्होंने बजट सत्र के लिए पार्टी की रणनीति बनाने के मकसद से हुई दो घंटे की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि हम चुनाव पूर्व किये गये वादों को पूरा करने में सरकार की विफलता को लेकर बजट सत्र में मोदी सरकार से सवाल पूछेंगे, जिनमें विदेशों में जमा काले धन को वापस लाना और दमनकारी भूमि अध्यादेश शामिल है. संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू हो रहा है.