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दुनिया का सबसे खतरनाक आदमी

* इब्राहिमअलअसिरी *– अमेरिका अल कायदा के बम बनाने के दस्ते में शामिल इब्राहिम अल आसिरी को दुनिया का सबसे खतरनाक आदमी मानता है. वजह है कि आसिरी प्लास्टिक बमों जिसे पेंटाइरिथ्रीटोल ट्रेटानाइट्रेट भी कहा जाता है को बनाने में उस्ताद है. उसके द्वारा बनाये गये बम इतने परिष्कृत हैं कि यह उच्च कोटि के […]

* इब्राहिमअलअसिरी *
– अमेरिका अल कायदा के बम बनाने के दस्ते में शामिल इब्राहिम अल आसिरी को दुनिया का सबसे खतरनाक आदमी मानता है. वजह है कि आसिरी प्लास्टिक बमों जिसे पेंटाइरिथ्रीटोल ट्रेटानाइट्रेट भी कहा जाता है को बनाने में उस्ताद है. उसके द्वारा बनाये गये बम इतने परिष्कृत हैं कि यह उच्च कोटि के स्कैनरों और एक्स रे मशीनों की पकड़ में भी नहीं आता. आसिरी बम बनाने के साथसाथ उसे डिटेक्टर मशीनों से बचाने के लिए लगातार प्रयोग करता रहा है. पेश है टाइमपत्रिका के ताजा अंक में प्रकाशित आलेख का संपादित रूप.


सऊदी
अरब का नागरिक वर्तमान में यमन में रह कर अल कायदा के लिए काम करने वाले (एक्यूएपीअल कायदा इन अरेबियन पेनिनसुला) इब्राहिम अल आसिरी को अमेरिका की खुफिया एजेंसियां दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी मानती है. महज 28 साल का आसिरी बम बनाने में उस्ताद है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, आसिरी केवल प्लास्टिक एक्सप्लोसिव्स बनाने में माहिर है, बल्कि वह आतंकवादियों को बम बनाने में प्रशिक्षण भी दे रहा है.

उसके द्वारा तैयार किये गये बमों की खासियत यह है कि ये उच्च क्वालिटी के स्कैनरों को भी चकमा देने में सक्षम हैं. इसका बड़ा उदाहरण है क्रिसमस डे प्लॉट’. 2009 में क्रिसमस के दिन एमेस्टरडम से डेट्रॉयट जा रही नॉर्थवेस्ट एयरलाइंस की फ्लाइट में एक नाइजीरियाई युवक को गिरफ्तार किया गया, जिसने बम लगा अंडरवियर पहना था. बम को विस्फोट कराने के लिए उसने डेटोनेटिंग इंजेक्शन का इस्तेमाल किया, पर उसमें विस्फोट नहीं हुआ. हालांकि इससे वह थोड़ाबहुत जल गया. संभवत: उसे बहुत पसीना रहा था, इसलिए बम में विस्फोट नहीं हो सका.

इस घटना से ओबामा प्रशासन के कान खड़े हो गये. पहली बात यह निकली कि आखिर अंडरवियर बम की पहचान करने में स्कैनर कैसे धोखा खा गये. दूसरी कि इन परिष्कृत बमों को कौन तैयार कर रहा है. उस समय तक अमेरिका में 19 हवाई अड्डों पर 40 बैकस्कैटर स्कैनरों का इस्तेमाल हो रहा था, पर एक साल के भीतर ही 68 हवाई अड्डों पर 385 ब्लैकस्कैटर स्कैनर लगाये गये.

* सैन्य परिवार में पलाबढ़ा : अबु सालेह के नाम से जाने जानेवाले इब्राहिम अल आसिरी का जन्म 1982 में हुआ. उसके चार भाई और तीन बहनें हैं. मिडिल क्लास से आनेवाले आसिरी के पिता सऊदी मिलिटरी सर्विस में थे. आसिरी की मां के अनुसार, उनके बेटे धार्मिक नहीं थे, पर उनके एक भाई की मौत के बाद वे धर्म की ओर मुड़े. वे धीरेधीरे चेचेन्या और अफगानिस्तान में मुजाहिदीनों की गतिविधियों की जानकारी रखने लगे. आसिरी और उसके भाइयों का दिमाग जिहाद के लिए तैयार होने लगा. पर इसके बावजूद आसिरी ने किंग सौद विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और रसायन शास्त्र पढ़ने लगा. जब 2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला किया, तब उसने अपनी विश्वविद्यालय की पढ़ाई छोड़ दी.

जेहाद के लिए अमेरिका विरोधी आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया. सऊदी अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. नौ महीने जेल में गुजारने के बाद बाहर आने पर उसने सऊदी रॉयल फैमिली को उखाड़ फेंकने के लिए जिहादी दस्ते का गठन किया. 2006 में पुलिस ने उसके ठिकाने पर छापा मारा, जिसमें आसिरी के छह साथी मारे गये. पर आसिरी और उसका भाई अब्दुल्लाह भाग कर यमन चले गये.

* यमन को बनाया ठिकाना : यमन और सऊदी सरकारों को चुनौती देने वाले आतंकी संगठनों ने आसिरी भाइयों को पनाह दिया. यमन में ही कई आतंकवादी संगठनों ने मिल कर एक्यूएपी (अलकायदा इन अरेबियन पेनिनसुला) का गठन किया. इस संगठन के केंद्र में आसिरी भाइयों की बड़ी भूमिका थी. यमन ही वह जगह था, जहां इब्राहिम अल आसिरी ने अपने बम बनाने की क्षमता का प्रदर्शन किया. चूंकि केमिस्ट्री उसका रोचक विषय रहा था, इसलिए उसने बम बनाने की सारी तकनीकें सीखनी शुरू की. इंटरनेट पर चीजों को तलाशना शुरू किया. उसके द्वारा तैयार प्लास्टिक एक्सप्लोसिव्स (पीइटीएन) का पहला शिकार होनेवाले थे सऊदी अरब के सुरक्षा प्रमुक प्रिंस मोहम्मद बिन नायफ. आसिरी ने इसके लिए अंडरवियर बम का इस्तेमाल किया. उसके भाई अब्दुल्लाह को यह काम सौंपा गया.

जब प्रिंस के साथ मीटिंग के लिए उसने कमरे में प्रवेश किया, तो उसने अंडरवियर बम को एक्टिवेट किया. बम ऊपर की ओर जाकर नीचे की ओर फटा और अब्दुल्लाह के चीथड़े उड़ गये. इस घटना में प्रिंस को हल्की चोटें आयीं.

* बमों को लेकर प्रयोग : अमेरिकी खुफिया विभाग के अनुसार, अल आसिरी हर वह तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे वह बमों को डिटेक्शन से बचा सके. इसलिए इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि वह कुत्तों, बिल्लियों और यहां तक कि कैमरों और हार्ड डिस्क में भी सजर्री के जरिये बमों को इंप्लांट कर रहा है.

इसी महीने कोलोराडो में एसपेम सिक्यूरिटी फोरम में बोलते हुए ट्रांसपोर्टेशन सिक्यूरिटी एडमिनिस्ट्रेशन के प्रमुख जॉन पिस्टोले ने बताया था कि आसिरी ने एक नये तरह के बम का ईजाद किया है. ऐसा पहले नहीं देखा गया था. तो कोई मशीन और ही कुत्ते इसे पकड़ने में सक्षम हैं. उसके बमों को डबल इनीशिएशनतकनीक से विस्फोट किया जा सकता है. यानी केमिकल डेटोनेटर भरे दो सीरिंजों से. ये बम विस्फोट करने के बिल्कुल अलग तरीके हैं.

* ड्रोन हमले में बच चुका है : आसिरी यमन में अमेरिकी ड्रोन हमले में सुरक्षित बच निकला. 2010 और 2011 में हुए ड्रोन हमले में अल कायदा के 100 से ऊपर लड़ाके मारे गये. अमेरिकी ने अल आसिरी और अल शिहरी के मरने की आशंका प्रकट की, पर इन हमलों में भी आसिरी बच निकला. 2012 में अधिकारियों ने बताया कि आसिरी फिर से परिष्कृत बमों को तैयार करने में लगा है.

* क्या है पीइटीएन : पीइटीएन को पेंटाइरिथ्रीटोल टेट्रानाइट्रेट के नाम से जाना जाता है. इसे प्लास्टिक बमों में सर्वाधिक शक्तिशाली और खतरनाक माना जाता है. इसे डिटेक्ट करना बहुत मुश्किल है. इसके अणु बेहद संगठित होते हैं. इसके कुछ ही अणु बाहर के वायु के साथ संपर्क कर पाते हैं. इसलिए कुत्ते या सेंसर तक इसकी पहचान नहीं कर पाते. अल आसिरी द्वारा बनाये गये पीइटीएन बमों की खासियत यह है कि इसे साधारण सीरिंज से भी केमिकल डेटोनेटर के जरिये विस्फोट किया जा सकता है.


* ओबामा
प्रशासन मानता है

* प्लास्टिक बम बनाने में माहिर


– इब्राहिम
अल असिरी

* जन्म-1982

* मूल रूप से सऊदी अरब का रहने वाला

* 2003 से आतंकी गतिविधियों में शामिल

* 2006 में अलकायदा से जुड़ा

* यमन को अपना ठिकाना बनाया

* पीइटीएन बम बनाने में माहिर

* जहर तैयार करने में भी विशेषज्ञ

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