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दूल्हा-दुल्हन को भी जाना पड़ता है पैदल

पुल के जजर्र होने के कारण नहीं पार हो पाता है चार पहिया वाहन छपरा (सारण) : जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां आज भी दूल्हा-दुल्हन को पैदल जाना पड़ता है.जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर तथा मांझी प्रखंड मुख्यालय से पांच किमी की दूरी पर स्थिति अलियासपुर गांव में आज भी […]

पुल के जजर्र होने के कारण नहीं पार हो पाता है चार पहिया वाहन
छपरा (सारण) : जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां आज भी दूल्हा-दुल्हन को पैदल जाना पड़ता है.जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर तथा मांझी प्रखंड मुख्यालय से पांच किमी की दूरी पर स्थिति अलियासपुर गांव में आज भी चार पहिया वाहन जाने की कोई व्यवस्था नहीं है. मांझी-बनवार पथ पर स्थित अलियासपुर गांव को जोड़ने वाली सोंधि नदी पर स्थित पुल अंगरेजों के जमाने का बना हुआ है जो पूरी तरह खंडहर हो चुका है.
इस पुल से होकर अलियासपुर समेत करीब दो दर्जन गांवों के ग्रामीणों के प्रखंड मुख्यालय आने जाने का रास्ता है. पुल के रख-रखाव तथा मरम्मती का कार्य कई दशक से नहीं हुआ है. पुल करीब दो वर्ष से खंडहर बना हुआ है जिससे होकर पैदल आने-जाने में भी ग्रामीण डरते हैं.
पैदल आते-जाते हैं दूल्हा-दुल्हन
इस गांव में पहली बार आने वाली नयी -नवेली दुल्हन को भी पैदल ही अपने ससुराल आना पड़ता है. पुल से पहले ही गाड़ी रोक दी जाती है और वहां से दूल्हा-दुल्हन को उतार कर पैदल लाया जाता है. शादी करने जाने वाले दूल्हा को बराती के साथ घर से पैदल जाना पड़ता है. गंभीर रूप से बीमार मरीजों को उपचार के लिए भी मांझी प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पैदल लेकर जाना पड़ता है.
सड़क भी है बदहाल
मांझी प्रखंड मुख्यालय से बनवार तक जाने वाली सड़क की हालत भी काफी जीर्ण-शीर्ण है. इस सड़क की मरम्मती का कार्य करीब दो दशक से नहीं हुआ है. करीब एक दर्जन गांवों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली यह प्रमुख सड़क है. इस सड़क से होकर अलियासपुर, गौरी, बनवार, साधपुर, लेजुआर, छत्तर, कोहड़ा बाजार, नसीरा, दाउदपुर, बलेसरा समेत एक दर्जन गांवों के लोग आते-जाते हैं. यह पथ प्रखंड मुख्यालय को एनएच 85 से जोड़ता है.
अंग्रेजों के जमाने का बना है पुल
अलियासपुर में सोंधि नदी पर स्थित पुल का निर्माण अंगरेजों के जमाने में हुआ था. पुल के निर्माण के बाद कभी इसकी मरम्मती नहीं हुई तथा रख-रखाव की भी समुचित व्यवस्था नहीं है.
पुल व सड़क दोनों की बदहाली के कारण करीब एक दर्जन गांवों के ग्रामीणों को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
योजनाओं में नहीं शामिल हुआ सड़क-पुल
दो दशक से कई महत्वपूर्ण योजनाएं सरकार द्वारा चलायी जा रही है जिसमें सड़क व पुल निर्माण की योजनाएं शामिल हैं. खासकर मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना, मुख्यमंत्री सड़क निर्माण योजना आदि शामिल हैं, जिसके तहत वैसे सभी गांवों को सड़क व पुल से जोड़ने का कार्य चल रहा है. लेकिन, मांझी बनवार पथ को उस योजना में अबतक शामिल नहीं किया गया है. अलियासपुर पुल को भी मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना में शामिल किया गया है और इसके लिए टेंडर भी हुआ, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है.
क्या कहते हैं अधिकारी
पुल व सड़क का निर्माण कराने के लिए आवश्यक कदम उठाया जा रहा है. पूर्व में क्या योजना बनी थी और उसकी क्या स्थिति है. समीक्षा की जा रही है.
सूरज कुमार
प्रखंड विकास पदाधिकारी
मांझी, सारण

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