झुमरीतिलैया : गरमी शुरू होते ही शहर व गांव में पेयजल संकट गहरा गया है. झुमरीतिलैया शहर के अधिकतर कुएं सूख गये हैं. कई चापानल भी बेकार है. शहर के विभिन्न इलाकों में जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. ताबड़तोड़ हो रही बोरिंग से भी भूमिगत जल स्तर गिर रहा है. सबसे खराब स्थिति झुमरीतिलैया शहर की है. यहां दर्जन भर बोरिंग प्रतिदिन विभिन्न इलाकों में हो रही है
ताबड़तोड़ बोरिंग के कारण पानी का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. पहले पानी का लेयर 30 फीट के आस-पास मिल जता था, लेकिन अब 70 से 80 फीट पर मिलता है. कई जगहों पर तो 150 से 200 फीट पर पानी मिल रहा है. वहीं सरकारी स्तर पर जल संचयन के कोई उपाय नहीं किये गये हैं.
* जिले में 25000 से ज्यादा बोरिंग : जिले में 25000 से ज्यादा बोरिंग की जा चुकी है. केवल पेयजल व स्वच्छता विभाग द्वारा 8000 से ज्यादा बोरिंग विभिन्न प्रखंडों में की जा चुकी है. वहीं निजी मकानों को मिला कर जिले में 25000 से ज्यादा बोरिंग है. तिलैया डैम का जल स्तर भी लगातार गिर रहा है.
* रेन वाटर हार्वेस्टिंग के कोई उपाय नहीं
जिले में वर्षा जल संचयन की कोई योजना सही तरीके से नहीं चल रही है. यहां कृत्रिम तरीके से भूमिगत जल को रिचार्ज करने का भी कोई कार्यक्रम नहीं चल रहा है. शहरी क्षेत्र में बड़े-बड़े अपार्टमेंट और व्यावसायिक इमारत धड़ल्ले से बन रहे हैं, लेकिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग के कोई उपाय नहीं किये गये हैं.
* कई नदियों में सिर्फ बरसात में ही पानी भरा रहता है
पूर्व में सालों भर बहने वाली जिले की महत्वपूर्ण नदियां आज बरसाती नदी बन कर रह गई हैं. बराकर, पंचखेरो, अख्तो, गोरी, सकरी नदी में अब केवल बरसात में ही पानी रहता है. साल के अधिकतर महीने इन नदियों में पानी नहीं रहता है.
* ताबड़तोड़ बोरिंग के कारण शहर में पेयजल संकट गहराया
* तेजी से गिर रहा है भूमिगत जल स्तर
* 30 फीट पर मिल जाता था पानी, अब 70 से 80 फीट पर मिलता है