फिल्म ‘1920’ से कैरियर की शुरुआत करनेवाली अदा शर्मा जल्द ही छोटे परदे पर धारावाहिक ‘पुकार- कॉल फॉर द हीरो’ में नजर आयेंगी. यह अदा का पहला टेलीविजन शो है, लेकिन उनका कहना है कि यह टेलीविजन शो होते हुए भी पूरी तरह से बॉलीवुड की फिल्मों के अंदाज में शूट किया गया है. अदा शर्मा से इस शो और उनके कैरियर पर उर्मिला कोरी की बातचीत..
बड़े परदे से छोटे परदे के शो ‘पुकार- कॉल फॉर द हीरो’ को हां कहने की क्या वजह थी?
विपुल सर इस शो के निर्माता, निर्देशक दोनों हैं, सबसे पहली वजह यह थी. दूसरी, यह सीरियल होते हुए भी पूरी तरह से फिल्म के अंदाज में शूट हो रहा है. हमने एक-एक सीन को पंद्रह-पंद्रह दिन में शूट किया है. यह आम सीरियल की तरह भाग-दौड़ में बना शो नहीं है. इस शो का हर एक फ्रेम खास है. प्रोमो देख कर आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं. तीसरी बात है मेरा किरदार. मैंने अब तक ऐसा किरदार नहीं किया है. मैं इस शो में कॉमेडी कर रही हूं. फिल्म ‘हंसी तो फंसी’ देखने के बाद विपुल सर ने मुङो यह सीरियल ऑफर किया.
त्नधारावाहिक की कहानी और आपके किरदार के बारे में कुछ बताएं?
यह एक एक्शन ड्रामा शो है. इसमें रोमांस भी है, कॉमेडी भी है, जो मैं लेकर आती हूं. पिता-पुत्र के रिश्ते पर ज्यादा फोकस किया गया है, इसके बावजूद शो में सभी के लिए बहुत कुछ है. मैं एक जर्नलिस्ट की भूमिका में हूं.
जर्नालिस्ट के किरदार के लिए क्या आपने कोई होमवर्क किया है?
अब तक कई बार इंटरव्यू दे चुकी हूं. इस दौरान मैंने मीडियाकर्मियों के हाव-भाव और कैमरे पर बोलने के अंदाज पर गौर किया है, वह सब काम आ गया.
यह एक आर्मी मैन की कहानी लग रही है, ऑडियंस से कितना कनेक्ट करेगी?
मुङो लगता है कि अगर शो इंटरटेनिंग है, तो ऑडियंस से कनेक्ट हो ही जायेगा. फिर चाहे वह एलियन पर हो किसान पर हो, स्टूडेंट पर हो या आर्मी पर. हमारे देश में तो आर्मी की बहुत कद्र है. सभी जानते हैं कि हमारे सैनिक बॉर्डर पर तकलीफ ङोलते हैं, तभी हम सुरक्षित हैं.
यह एक्शन बेस्ड शो है. आपने कितना एक्शन किया है?
इस शो में एक्शन की जिम्मेवारी रण (रणविजय) ने पूरी तरह से संभाली है. रण बहुत ही बहादुर है. वह एक्शन बहुत खुशी से करता है. एक बार भी नहीं सोचता कि ये कैसे करूंगा. दसवें माले से जंप करना हो या चलती जीप से, वो करता है. एक्शन में जो भी करवा लो, वो करेगा.
इस सीरियल के अलावा और क्या कर रही हैं?
मैंने इस साल तेलुगू फिल्म में अपनी शुरुआत की है, जिसमें ‘हार्टअटैक’ फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई है. चार तेलुगू, एक कन्नड़, एक तमिल फिल्म साइन की है. विपुल सर बहुत मदद करते हैं. मैं 15 दिन यहां काम करती हूं. रात की फ्लाइट लेकर फिर वहां शूटिंग के लिए जाती हूं. हिंदी में भी एक प्रोजेक्ट है, लेकिन उस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी.
फिल्म ‘1920’ से इंडस्ट्री में आपकी सफल शुरुआत हुई थी. फिर क्या वजह थी जो आपको हिंदी फिल्में ऑफर नहीं हुईं?
मेरा कोई गॉडफादर नहीं है, यह मैं इस इंडस्ट्री में आने से पहले से जानती थी. इसलिए मैं मेंटली तैयार थी. अब मैं नहीं सोचती कि फिल्में क्यों नहीं मिलीं. मेरे लिए खुश रहना बहुत जरूरी है. मैं मानती हूं कि गॉडफादर होने से मदद जरूर मिलती है. इसके अलावा मैं एक बात और जोड़ना चाहूंगी कि मैंने हॉरर फिल्म से शुरुआत की थी. हॉरर भारत ही नहीं, वल्र्डवाइड भी कमर्शियल जॉनर माना जाता है. फस्र्ट फिल्म के बाद आपको वैसे ही रोल ऑफर होते हैं. मैं इस बात को मानती हूं कि मेरा जो भी नाम है, वह फिल्म ‘1920’ की वजह से ही है. लेकिन, मुङो सिर्फ हॉरर हीरोइन नहीं बनना है. मैं अलग-अलग चीजें करना चाहती हूं. दर्शकों को चकित करना चाहती हूं.
खाली वक्त में क्या करना पसंद है?
मैं कथक में ग्रेजुएशन कर रही हूं. पियानों सीख रही हूं. पेंटिंग करती हूं. फिल्में और टीवी देखती हूं. ‘डांस इंडिया डांस’ और ‘झलक..’ के पहले सीजन से अब तक के सारे एपिसोड मेरे पास हैं.