अभिनेत्री काजोल ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि घर में आर्थिक दिक्कत आने की वजह से उन्हें विदेश में चल रही अपनी पढ़ाई छोड़ कर भारत आना पड़ा. यहां उन्होंने एक फिल्म का ऑडिशन दिया.
मां तनुजा और फिल्म के डायरेक्टर ने ऑडिशन देख कर कहा कि काजोल फिल्म में एंट्री लेने के लिए बिल्कुल परफेक्ट है, लेकिन काजोल इस बात पर सहमत नहीं थी. दरअसल, उन्होंने अपनी आवाज रिकॉर्डिग के बाद सुनी, जो बिल्कुल बच्चों जैसी लग रही थी. वह कहने लगी कि मेरी आवाज मेरे ही कानों में चुभ रही है. लोग मुझ पर हंसेंगे. तब मां के समझाने पर उन्होंने कुछ दिन का समय मांगा और अपनी आवाज ठीक की. जो-जो बातें उनकी आवाज को अजीब बना देती थीं, उन्हें सुधारा और तब फिल्म में काम किया. आज काजोल का नाम कौन नहीं जानता. सोनाक्षी सिन्हा, रानी मुखर्जी, परिणीति चोपड़ा, अजरुन कपूर और न जाने कितने हीरो-हीरोइन हैं, जिन्होंने अपनी कमजोरी यानी मोटापे को कड़ी मेहनत से कम किया. कंगना रणोत ने फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद अंगरेजी में बोलना शुरू किया.
यहां यह सब उदाहरण देने का उद्देश्य केवल आपको यह सीख देना है कि कभी भी अपनी कमजोरियों को ढोएं नहीं. उसे तत्काल दूर करें. ये कमजोरियां आपको रेस में पीछे ढकेलती हैं. अगर आपकी भाषा खराब है, तो अच्छी पुस्तकें पढ़ें. अगर आप हर काम के लिए पति या ड्राइवर को साथ ले जाती हैं, तो खुद ड्राइविंग सीखें. अगर आपको ऑनलाइन बैंकिंग नहीं आती, फोन रिचार्ज करना नहीं आता, तो इसे सीख लें. कुल मिला कर सभी जरूरी काम आप सीख लें. हो सकता है कि आपको अभी इन चीजों को सीखने की जरूरत नहीं. आपके घर खाना बनाने के लिए कुक है, गाड़ी चलाने के लिए ड्राइवर है, लेटर टाइप करने के लिए सेक्रेटरी है, कहीं जाने के लिए बड़ी गाड़ियां हैं. लेकिन वक्त पलटते देर ही कितनी लगती है. हो सकता है कि कभी आपको इन सब चीजों से हाथ धोना पड़े. तब आपको न बाइक चलानी आयेगी और न ऑटो में धक्के खाना.
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