कर्क रेखा पर स्थित उज्जैन में आज दोपहर कुदरत का अनोखा नजारा देखा गया, जब साल के सबसे बड़े दिन वार्षिक खगोलीय घटना के तहत ठीक 12 बजकर 28 मिनट पर साये ने सबका साथ छोड़ दिया.
उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के प्रभारी अधीक्षक दीपक गुप्त ने बताया, ‘पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा के दौरान बनी विशिष्ट स्थिति के कारण ठीक 12 बजकर 28 मिनट पर सौरमंडल का मुखिया कर्क रेखा पर एकदम लम्बवत हो गया यानी सूर्य की किरणों इस रेखा पर स्थित जगहों पर बिल्कुल सीधी पड़ीं.
इस वक्त उज्जैन में भी परछाईं कुछ पलों के लिये गायब हो गयी.’ उन्होंने बताया कि कर्क रेखा पर अपनी खास स्थिति के चलते उज्जैन दुनिया के उन चुनिंदा स्थानों में शामिल है, जहां सालाना खगोलीय घटना के तहत परछाईं गायब होने का अजब-गजब नजारा देखा जाता है. गुप्त ने बताया कि तकरीबन दो सदी पुरानी जीवाजी वेधशाला में विशेष शंकु यंत्र की मदद से आम लोगों को भी यह रोमांचक दृश्य दिखाया गया.
उन्होंने बताया कि उत्तरी गोलार्ध में 21 जून को दिन की लम्बाई साल में सबसे ज्यादा होती है. कल 22 जून से सूर्य सायन कर्क राशि में प्रवेश करके दक्षिण की ओर गति करना प्रारंभ कर देगा. ज्योतिष शास्त्र की जुबान में इसे सूर्य का दक्षिणायन होना कहा जाता है. इसके बाद रात के मुकाबले दिन लगातार छोटे होते जाते हैं.