बेतिया : अग्नि को साक्षी मान कर बंदर रामू व बंदरिया रामदुलारी सोमवार को सात जन्मों के बंधन में बंध गये. रामू पीले व रामदुलारी गुलाबी जोड़े में सज रही थी. दोनों का श्रृंगार बाबा उदेश महतो ने खुद किया था. कन्या व वर पक्ष दोनों की भूमिका उन्होंने खुद निभायी. चंपारण के इतिहास में हो रही इस अनोखी शादी को देखनेवालों का भी तांता लग गया था. सुबह 11 बजे से शादी शुरू हुई. वैदिक मंत्रोच्चर के साथ यह विवाह संपन्न हुआ. शादी के बाद दोनों ने जब सड़क पर आकर मिलन किया, तो लोग देख कर दंग रह गये. बंदर-बंदरिया की इस प्रेमलीला को देख कर सभी तालियां बजाने लगे.
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अनोखा विवाह : परिणय सूत्र में बंधे रामू व रामदुलारी
बेतिया : अग्नि को साक्षी मान कर बंदर रामू व बंदरिया रामदुलारी सोमवार को सात जन्मों के बंधन में बंध गये. रामू पीले व रामदुलारी गुलाबी जोड़े में सज रही थी. दोनों का श्रृंगार बाबा उदेश महतो ने खुद किया था. कन्या व वर पक्ष दोनों की भूमिका उन्होंने खुद निभायी. चंपारण के इतिहास में […]
इंतजार में रह गयी बरात
रामू व रामदुलारी की शादी शुभ मुहूर्त को लेकर बिना बरात निकले ही हो गयी. जिप्सी पहले ही सज कर तैयार हो गयी थी. लेकिन बैंड बाजावाले ने आने में देर कर दी. फिर उदेश महतो ने शादी की घड़ी बीतते देख शादी करा दी. लेकिन उमेश की मंशा पूरी नहीं हुई. उसने बताया कि रात्रि में बरात भी सजा कर निकालेंगे, जो तीन लालटेन चौक से होकर कालीबाग मंदिर तक जायेगी.
विवाह के बाद हुआ भोज का आयोजन
रामू व रामदुलारी के विवाह के बाद लोगों को सामूहिक भोज का आयोजन भी उदेश महतो द्वारा किया गया था. सैकड़ों लोगों ने जम कर शाकाहारी भोजन का लुत्फ उठाया. देर रात्रि तक भोज का सिलसिला चलता रहा. बरातियों को नाश्ता भी कराया गया. लोगों ने उपहार के स्वरूप में रामू व रामदुलारी को केला व सेब भेंट किये.
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