दुनियाभर में करोड़ों लोग अपने आवास से कार्यस्थल तक आने-जाने के लिए कार का इस्तेमाल करते हैं. कार्यालय आने-जाने में आपको कितना समय लगता है? करीब आधा घंटा? लेकिन, प्रत्येक आधे घंटे में ही ओवरटेकिंग और पार्किग के लिए स्थान खोजने में दुनियाभर की सड़कों पर करीब 70 लोग मारे जाते हैं.
यदि सड़क दुर्घटना को एक बीमारी के तौर पर देखा जाये तो यह एक घातक महामारी के रूप में जान पड़ेगी. दुनियाभर में हर साल जितने लोग डायबिटीज से असमय मौत का शिकार होते हैं, करीब उतने ही (12 लाख) सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं. शायद यही वजह हो सकती है कि यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में इंजीनियरिंग के प्रोफेसर लैरी बर्न्स ने दुनिया की इस बड़ी समस्या के निदान के लिए रोबोट कारों का इस्तेमाल करने मकसद से गूगल से संपर्क किया.
बीबीसी फ्यूचर वल्र्ड-चेंजिंग आइडियाज समिट के दौरान बर्न्स ने चालकरहित, स्वायत्त कारों के निर्माण पर जोर दिया, जिसे वर्ष 2017 तक सड़कों पर उतारा जा सकता है. इस दिशा में सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसे स्वीकार करने के लिए दुनिया पूरी तरह से तैयार नहीं है. बर्न्स का मानना है कि यह समाधान हमारे लिए एक वैक्सिन की तरह कारगर हो सकता है, जो किसी बड़ी बीमारी से हमें बचाता है. अब हमें इस दिशा में आगे बढ़ना होगा, ताकि व्यापक पैमाने पर लोगों को जीवन-रक्षक रूपी इस वैक्सिन से बचाया जा सके. कुछ इंजीनियरों का मानना है कि मानव संचालित कारों के मुकाबले स्वायत्त कारें पांच गुना ज्यादा सुरक्षित हो सकती हैं. बर्न्स ने यहां इस बात पर जोर दिया है कि चूंकि स्वायत्त कारें किसी प्रकार का मद्यपान नहीं करेंगी. इन कारों को न तो नींद आयेगी और न ही ये नियमों का उल्लंघन करेंगी. इसमें लगे हुए सेंसर इसे आसपास की गतिविधियों की जानकारी देंगे और इसके माध्यम से इसका संचालन सुचारु तरीके से होगा.
स्वायत्त कार की चुनौतियों और उनसे उपजी आशंकाओं और रोबोट वाहनों के निर्माण पर काम करने वालों से अन्य चुनौतियों के बारे में चर्चा की गयी. इस तथ्य पर जोर दिया गया कि ऐसी कारों को सड़कों पर उतारने से पूर्व इसकी तकनीक को पूरी तरह से सुरक्षित बनाया जाना चाहिए. हालांकि, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या के मद्देनजर दुर्घटनाओं की संभावना कम करने पर पूरा जोर दिया गया. तो फिर इस राह में बड़ी बाधाएं क्या हैं? बर्न्स का मानना है कि सबसे पहले तो चालकरहित कार की पूरी क्षमता को साबित करने के लिए उसका परीक्षण होना चाहिए.
पुलिस संगठनों और ट्रैफिक सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आरंभ में इसमें कुछ जोखिम है. कार चलाने के दौरान आपको उन सभी चीजों को सीखना और समझना होगा, जिनसे आम तौर पर आप अब तक अनभिज्ञ हैं. और एक बार जब आप उन लोगों को देख लेंगे, जो इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो फिर आप भी ऐसा कर सकेंगे. इसकी खोज आप किसी लैबोरेटरी या मैदान में नहीं कर सकते हैं- इसके लिए आपको सड़क पर उतरना होगा और तभी आप इस पूरी प्रक्रिया को जान व समझ पायेंगे. इसके सीखने की प्रक्रिया में भले ही जोखिम हो, लेकिन बुद्धिमत्ता से इस जोखिम को मैनेज करते हुए सड़कों पर इसे सीखने के लिए कोई न कोई रास्ता जरूर निकालना होगा.
बर्न्स ने कहा, ‘मुङो उम्मीद है कि एक प्रबुद्ध समुदाय के तौर पर हमलोग इस दिशा में आगे बढ़ेंगे और कहेंगे कि हम सबसे पहले इसकी पहल करना चाहते हैं, क्योंकि यदि हम कोशिश करेंगे तो जरूर इसे सही साबित कर पायेंगे. मेरा मानना है कि दुनिया देखेगी कि यह कैसे संभव हो सकता है और हमारे लिए यह बड़ी उपलब्धि साबित होगी.’