
दशहरे के दिन पटना के गांधी मैदान में भगदड़ से हुई मौतों के मामले में पटना के चार आला अधिकारियों को हटा दिया गया है.
इन अधिकारियों में आयुक्त के अलावा डीआईजी, डीएम और एसएसपी शामिल हैं.
रविवार की शाम जीतन राम मांझी सरकार ने कार्रवाई करते हुए चारों अधिकारियों को हटाते हुए उन्हें वेटिंग फॉर पोस्टिंग में रखा है.
पटना की आयुक्त एन विजयलक्ष्मी की जगह तिरहुत प्रमंडल मुजफ्फरपुर के आयुक्त नर्मदेश्वर लाल को लाया गया है.
इसी तरह ज़िला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा की जगह पूर्वी चंपारण में तैनात अभय कुमार सिंह लेंगे.
पटना में स्थानीय पत्रकार मनीष शांडिल्य के मुताबिक सरकार ने भगदड़ के लिए जिम्मेवार लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
गौरतलब है कि घटना की जांच का काम राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी और अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय के नेतृत्व में चल रहा है.

इस क्रम में इस हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों और इसके बारे में जानकारी रखने वाले अन्य लोगों के लिए आगामी सात अक्तूबर को पटना समाहरणालय में खुली सुनवाई आयोजित की गयी है.
इस खुली सुनवाई में शामिल होने के लिए सरकार अखबारों में विज्ञापन भी देगी.
अब तक जांच के क्रम में पीएमसीएच में भर्ती मरीजों के बयान और रावण वध के समय गांधी मैदान में तैनात दंडाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों और अन्य लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. जांच टीम के सदस्य पांडेय के अनुसार वे एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट सौंप दी जायेगी.
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