मैं ने किसी वेबसाइट पर एक खबर पढ़ी. यह कैलिफोर्निया में रहनेवाले 1,21,921 अरब रुपये की इंवेस्टमेंट कंपनी ‘पिमको’ के बॉस मोहम्मद अल-एरियन की थी. इसमें बताया गया था कि इन्होंने एक दिन अचानक नौकरी छोड़ दी. अब इस्तीफे के बाद वह अपनी पत्नी व बेटी के साथ सुबह जागते हैं. नाश्ता तैयार करते हैं.
बेटी को स्कूल छोड़ने जाते हैं. अब वह अपना पूरा समय अपनी बेटी को देते हैं. उनके पास इतना समय है कि वह बेटी को स्कूल से लेने भी चले जाते हैं. एरियन अब बेटी के साथ हॉलीडे पर जाने का प्लान बना रहे हैं. आप यह पढ़ कर आश्चर्य कर रहे होंगे कि इतनी बड़ी कंपनी को छोड़ने की वजह क्या थी? दरअसल, उनकी 10 साल की बेटी ने उन्हें एक शिकायती खत लिखा था.
इसमें उसने लिखा कि आपने मेरी जिंदगी के 22 माइलस्टोन मिस कर दिये, क्योंकि आप काम में बहुत ज्यादा व्यस्त थे. खत में उसने लिखा कि आपने मेरे स्कूल का पहला दिन, मेरी हैलोवीन परेड और पहला फुटबॉल मैच मिस कर दिया. एक इंटरव्यू में एरियन ने बताया कि बेटी के हर इल्जाम के लिए उनके पास एक बहाना था जैसे कि वह दौरे पर थे, मीटिंग में थे, अर्जेट कॉल आ गया था.
इस खबर को पढ़ने के बाद मेरी ही तरह आपके दिमाग में भी यह सवाल जरूर आया होगा कि क्या हम हमने परिवार को, अपने बच्चों को समय देते हैं? हम में से ऐसे कई लोग हैं, जो सुबह ऑफिस के लिए निकल जाते हैं और रात 8-9 बजे घर पहुंचते हैं. इतनी देर से घर पहुंचने के बाद हमारे पास बच्चों से बात करने का वक्त ही नहीं बचता है. कई बच्चे और पिता तो एक-दूसरे को केवल सोते हुए ही देख पाते हैं. सुबह जब बच्च तैयार हो कर स्कूल जा रहा होता है, तब पापा सो रहे होते हैं और जब रात को पापा ऑफिस से आते हैं, तो बच्च सो गया होता है. ऐसे बच्चे अपने पिता से केवल रविवार को ही मिल पाते हैं. मुङो याद है, एक बार जब मैंने किसी बच्चे से उसके पापा के बारे में पूछा कि वे क्या करते हैं? उसने जवाब में कहा, ‘वो तो संडे वाले पापा है.. संडे को ही दिखते हैं.
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