
वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय खुलने के साथ ही शुरू हो चुकी है उनके वोटरों की अजीबोग़रीब फ़रमाइशें.
अगस्त महीने में मोदी के क़रीबी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शहर के नए सांसद के कार्यालय का उद्घाटन किया था.
यहाँ आने वालों में इलाक़े के दूर-दराज़ से आए फ़रियादी होते हैं जिनकी शिकायतें भी एक से बढ़कर एक होती हैं.
राजू राजभर चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी उनके पारिवारिक झगड़े में फँसी ज़मीन को वापस करवा दें.
विनय प्रसाद चार किलोमीटर पैदल चलकर ये बताने आए हैं कि उनके घर के निकट वाले तालाब में भैंसों का नहाना जारी है और उसे बंद होना चाहिए.
मोदी को वोट

72 वर्षीय, गायत्री कुमारी के घर के बाहर हाते में स्थित हैंडपंप सूख चुका है और उन्हें पानी भरने के लिए 200 मीटर दूर जाना पड़ता है.
वे चाहतीं हैं कि मोदी के पास उनकी शिकायत पहुंचाई जाए और नया हैंडपंप लगवाया जाए क्योंकि आख़िर ‘उन्होंने मोदी को वोट जो दिया है.’
बहरहाल मोदी के इस कार्यालय को बनारस में लोग ‘मिनी-पीएमओ’ के नाम से सम्बोधित करते हैं.
फ़रियादों का तांता

इसके अंदर कुल छह कमरे हैं जिसमें एक में दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी है.
एक आधुनिक किचन है और दीवारों पर दीन दयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की तस्वीरें टंगी मिलती हैं.
लेकिन दिन-भर जिस तरह की फ़रियाद लेकर लोग यहाँ आ रहे हैं उससे लगता है कि जल्द ही सात सदस्यों वाले स्टाफ़ को दोगुना काम करना पड़ सकता है.
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