पश्चिमी कीनिया में अधिकारियों पर एक स्थानीय नागरिक का शव क़ब्र से निकालकर उसकी वर्दी उतारने का आरोप लगा है.
मृतक की पत्नी ने बीबीसी से बात करते हुए यह आरोप लगाया.
मार्टिन शीकूकू अलूकोये की इसी महीने डूबकर मौत हो गई थी. उन्हें काकामेगा काउंटी यूथ सर्विस की वर्दी में ही दफ़नाया गया था.
उनके परिवार का आरोप है कि उनके विरोध के बावजूद अधिकारियों ने शव को कब्र से निकालकर उसकी वर्दी उतारी.
एक स्थानीय अधिकारी ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि दफ़नाए जाने से पहले ही कपड़े बदल दिए गए थे.
‘और बढ़ गया है दुख’
अलूकोये की विधवा जैकेलीन ने बीबीसी स्वाहिली से कहा कि वो सदमे में हैं और शव कब्र से निकाले जाने से उनकी पीड़ा और बढ़ गई है.
एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "मैं जिस दुख से गुज़र रही हूं, वो और बढ़ गया है, मेरे बच्चे अभी छोटे ही हैं. मैं जब से पैदा हुई हैं, मैंने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया है. मैं उनसे गुज़ारिश करती हूं कि मुझे शांति से रहने दें."
मृतक के एक चाचा ने कहा कि अधिकारियों ने इस क्षेत्र के और यहां के बुज़ुर्गों के क़ानून का उल्लंघन किया है.
डेली नेशन अख़बार के मुताबिक फ्रांसिस मुटाम्बा ने कहा, "हमने दफ़नाने के कार्यक्रम में काउंटी प्रशासन को पूरी तरह शामिल किया था और उन्होंने वर्दी में दफ़नाने के हमारे प्रस्ताव का कोई विरोध नहीं किया."
परिवार का कहना है कि उन्होंने वर्दी उतारने के प्रयासों का विरोध किया था. लेकिन प्रशासन ने उनकी मर्ज़ी और अदालत से कोई आदेश लिए बिना ही शव से वर्दी उतार ली.
वहीं इलाक़े के असिस्टेंट चीफ़ डेनियल नामायी ने शव निकाले जाने की आलोचना की है और इसमें शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
उन्होंने कहा, "एक बार अगर शव दफ़ना दिया जाता है तो उसे बाहर निकालने के लिए अदालत से आदेश लेना ज़रूरी होता है. काउंटी प्रशासन ने वर्दी बरामद करने के लिए क़ानून का उल्लंघन किया है."
वहीं अबांगओन्या समुदाय के बुज़ुर्गों ने भी इस क़दम की आलोचना की है. इस समुदाय में शव को क़ब्र से निकाले जाने को अपशकुन भी माना जाता है.
मुटाम्बा ने कहा, "हमने अपने बेटे का शव रात में दफ़न करने का फ़ैसला लिया था क्योंकि डूबकर मरने वालों को सूरज की रोशनी में नहीं दफ़नाया जाता है. लेकिन काउंटी अधिकारी के वर्दी बरामद करने के लिए शव निकालने के फ़ैसले ने हमें चौंका दिया है."
वहीं स्थानीय अधिकारी रॉबर्ट सुम्बी ने बीबीसी से कहा कि मृतक को दफ़नाने से पहले कुछ देर के लिए ही वर्दी पहनाई गई थी जो बाद में उतार ली गई थी.
वगीं काकामेगा के काउंटी चीफ़ का कहना है कि आमतौर पर लोगों को सामान्य पोशाक में ही दफ़नाया जाता है.
उन्होंने कहा कि वर्दी परिवार के पास छोड़ दी गई थी. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन के पास नई वर्दी ख़रीदने के पैसे थे.
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