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कश्मीर घाटी में लोगों के मन में डर क्यों बैठ रहा है

<figure> <img alt="जम्मू कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/29F7/production/_108134701_4921879d-b718-4c50-8f44-d0605f1c2749.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>भारत प्रशासित कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियां तैनात करने के गृह मंत्रालय के आदेश के बाद घाटी में डर और घबराहट का माहौल है. </p><p>गृह मंत्रालय की ख़बर सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रही है.</p><p>गृह मंत्रालय का पहला आदेश 25 जुलाई को […]

<figure> <img alt="जम्मू कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/29F7/production/_108134701_4921879d-b718-4c50-8f44-d0605f1c2749.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>भारत प्रशासित कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियां तैनात करने के गृह मंत्रालय के आदेश के बाद घाटी में डर और घबराहट का माहौल है. </p><p>गृह मंत्रालय की ख़बर सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रही है.</p><p>गृह मंत्रालय का पहला आदेश 25 जुलाई को वायरल हुआ, जो अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किए जाने के बारे में था. </p><p>इसके एक दिन बाद गृह मंत्रालय का दूसरा आदेश भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें रेलवे के सभी कर्मचारियों से चार महीने का राशन और एक सप्ताह का पीने का पानी जमा करने के लिए कहा गया था. </p><p>इसी आदेश में ये भी कहा गया था कि सभी गाड़ियों में तेल भरा लिया जाए और उन्हें गैराज के अंदर रखा जाए. </p><p>गृह मंत्रालय का एक और आदेश वायरल हुआ जिसमें कहा गया था कि सभी मस्जिदों की सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी. हालांकि पुलिस ने तुरंत इसका खंडन किया और इसे रूटीन काम बताया. </p><p>एक के बाद एक वायरल हुईं इन सूचनाओं ने आम कश्मीरियों में घबराहट का माहौल पैदा कर दिया. </p><p>हालांकि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को इन अफ़वाहों का खंडन करते हुए कहा कि कश्मीर में सबकुछ सामान्य और ठीक है.</p><p>उन्होंने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, &quot;सोशल मीडिया पर वायरल हुए सभी आदेश सरकार के आदेश नहीं हैं. कश्मीर में सबकुछ ठीक है.&quot;</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45601593?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">GROUND REPORT: जम्मू कश्मीर में क्यों निशाने पर हैं पुलिसकर्मी?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44533180?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जम्मू कश्मीर: पहले बीजेपी-पीडीपी गठजोड़ टूटा, फिर क्या-क्या हुआ</a></li> </ul><p>जबसे ये आदेश वायरल हुए हैं, श्रीनगर के बेमिना इलाक़े में रहने वाले गुलाम हसन भट्ट के परिवार की रातों की नींद ग़ायब हो गई है. </p><p>श्रीनगर में गुलाम हसन की लकड़ी की दुकान है. वो कहते हैं कि ‘जबके हमने सुना है कि कश्मीर में और सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं, हमें डर सताने लगा है.’ </p><p>वो कहते हैं, &quot;जिसने भी सुना कि यहां और सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे, लोगों ने असहज महसूस किया. जहां तक कारोबार का सवाल है, उस पर भी प्रभाव पड़ा है. आम लोग इस बात की अटकलें लगाने लगे हैं कि आगे क्या होने वाला है. सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद हमने सुना कि किसी क़ानून को रद्द किया जा रहा है. हम नहीं जानते कि ये अतिरिक्त सुरक्षा बल क्यों लाए जा रहे हैं.&quot;</p><p>उनके अनुसार, &quot;रेलवे प्रशासन ने तीन महीने का राशन इकट्ठा करने का आदेश जारी किया. इसके बाद कश्मीर की मस्जिदों के बारे में ख़बर आई. इन हालात में लोग बिल्कुल परेशान हो उठे. आने वाले दिनों में मेरे घर में शादी है, लेकिन हमें कुछ समझ नहीं आ रहा कि आगे बढ़ना चाहिए या नहीं. इन हालात के कारण कई ग्राहकों ने लकड़ी के काम का अपना ऑर्डर वापस ले लिया.&quot;</p><p>हसन के बेटे हमाद भट्ट इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, वो कहते हैं कि इन हालात में उनकी पढ़ाई को नुकसान हो रहा है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-39607281?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’पीटा, जीप से बांधा और 18 किमी तक घुमाते रहे'</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-43352023?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’कश्मीर में सेना की भूमिका को कम करने की सख़्त ज़रूरत'</a></li> </ul><p>हमाद का कहना है, &quot;पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में जो कुछ भी घट रहा है, इसने सीधे तौर पर हमारी पढ़ाई पर असर डाला है. हमारे लिए अहम बात ये है कि हमारा समेस्टर कब पूरा होता है. अगर ये हालात रहे तो परीक्षा भी टल सकती है. छात्र मानसिक अवसाद का सामना कर रहे हैं. कॉलेज में भी मौजूदा हालात पर ही बात होती है.&quot;</p><p>हमाद कहते हैं कि ‘जबसे जम्मू एवं कश्मीर की गठबंधन सरकार गिरी है, केंद्र की बीजेपी सरकार आर्टिकल 35ए और आर्टिकल 370 को ख़त्म करने जा रही है.'</p><p>भट्ट परिवार की रिश्तेदार हुमैरा फ़िरदौस भी डरी हुई हैं और उन्हें लगता है कि आने वाले दिनों में कश्मीर के हालात और ख़राब होंगे.</p><p>वो कहती हैं, &quot;हमने सुना है कि कश्मीर के हालात ख़राब होंगे. हमें इसका अहसास है और हमें लगता है कि हमारे कारोबार पर अब इसका असर पड़ेगा. हमने ये भी सुना है कि ईद के बाद हालात कुछ भी हो सकते हैं. लोग कह रहे हैं कि कश्मीर में कोई क़ानून रद्द होने जा रहा है.&quot; </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-39935746?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’कभी भारतीय कश्मीरी से शादी मत करना'</a></li> <li><a href="http://www.bbc.com/hindi/india/2016/02/160202_pandit_kashmir?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मुसलमानों ने कराया कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार</a></li> </ul><p>फ़िरदौस बताती हैं, &quot;हमने ये भी सुना है कि भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं. पहले हमने ये सोचा कि ये अफ़वाह होगी, लेकिन जब सुरक्षा बलों की टुकड़ियां आईं तो हम समझ गए कि कुछ हो सकता है.&quot;</p><p>पिछले साल बीजेपी की समर्थन वापसी के बाद बीजेपी-पीडीपी की गठबंधन सरकार गिर गई. </p><p>तबसे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है और अभी तक विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं. </p><p>पिछले तीन सालों से कई अलगाववादी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सुरक्षा एजेंसियां चरमपंथ को धन मुहैया कराने और अन्य आरोपों में गिरफ़्तार कर रही हैं. </p> <ul> <li><a href="http://www.bbc.com/hindi/india/2016/03/160325_house_boat_srinagar_sh?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर हाउस बोट उद्योग बदहाली के कगार पर</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49147234?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर घाटी में क्यों है डर और बेचैनी का माहौल</a></li> </ul><figure> <img alt="महबूबा मुफ़्ती" src="https://c.files.bbci.co.uk/7817/production/_108134703_754e2b36-171f-41a7-b4d0-a4acb5c89f1a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>पिछले चार सालों में सुरक्षा बलों के हाथों नागरिकों की मौत होने के आरोप लगे हैं. सुरक्षा बलों के मुठभेड़ में सैकड़ों चरमपंथी भी मारे गए हैं. </p><p>कुछ संवाददाताओं का कहना है कि अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने के गृह मंत्रालय के आदेश के पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल दो दिन के दौरे पर कश्मीर आए थे. </p><p>हालांकि वायरल हो रहे सरकार के आदेश से केवल आम लोगों में ही बेचैनी नहीं है बल्कि इसने राज्य में राजनीतिक हलचल भी ला दिया है. </p><p>पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ़्ती ने आर्टिकिल 35ए को रद्द किए जाने पर नई दिल्ली को चेतावनी दी है. </p><p>बीते रविवार को उन्होंने अपने पार्टी के स्थापना दिवस पर कहा था, &quot;आर्टिकिल 35 ए को छूने वाला हाथ जल जाएगा. न केवल उसका हाथ बल्कि उसका पूरा शरीर भस्म हो जाएगा.&quot; </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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