नयी दिल्ली: वैश्वीकरण के युग में फैशन, ब्रांड और विज्ञापन का बोलबाला है. कंपनियां सामान बनाती है और फिर उसे बाजार में लोगों को लुभाने के लिये पेश करती है. आखिरकार इतना सबकुछ होता कैसे है और कैसे लोग किसी विशेष ब्रांड के दीवाने हो जाते हैं. बता दें कि ऐसा सब होता है एक कुशल ब्रांड मैनेजर के जरिये जो किसी कंपनी के उत्पाद को कितने बेहतरीन ढंग से पैसे करें ये तय करते हैं.
ब्रांड मैनेजर बनने के लिये वैसे तो कई डिग्री और डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध हैं लेकिन इसकी एक आवश्यक शर्त क्रिएटीविटी भी है. आइडिया काफी मायने रखता है इस फील्ड में. नया आइडिया, क्रिएटीविटी, और बेहतरीन प्रबंधन योग्यता तय करती है कि कोई ब्रांड मैनेजर बन पाने के लिये कितना योग्य है. इसके अलावा मार्केट रिसर्च, एनालिसिस, सेल्स और प्रोडक्ट के प्रमोशन की प्लानिंग जैसी स्किल होना भी इस पेशे के लिए जरूरी है.
ब्रांड मैनेजर बनने के लिए ब्रांड मैनेजमेंट या मैनेजमेंट में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करना जरूरी है. देश के कई संस्थानों में इसके लिए अलग-अलग कोर्स संचालित किए जा रहे हैं. आईआईएम तिरुचिरापल्ली में एक वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन ब्रांड एंड एडवर्टाइजिंग मैनेजमेंट का कोर्स संचालित किया जा रहा है.
शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स भी हैं उपलब्ध
आईआईएम अहमदाबाद, बेंगलुरू, इंदौर और कोलकाता में ब्रांड मैनेजमेंट का शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स कराया जा रहा है. कई प्राइवेट संस्थान अपने यहां ब्रांड मैनेजमेंट स्पेशलाइजेशन में बैचलर, पीजी डिप्लोमा और एडवांस्ड पीजी डिप्लोमा जैसे कोर्स संचालित कर रहे हैं. देशभर के अधिकांश संस्थानों में मैनेजमेंट के लिए एमबीए कोर्स करने वाले सभी छात्रों को अनिवार्य रूप से एक पेपर के रूप में ब्रांड मैनेजमेंट का अध्ययन कराया जा रहा है.
कितना मिलेगा वेतन
ब्रांड मैनेजर को शुरुआती दौर में 30 से 35 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है. कुछ वर्षों के अनुभव और तरक्की के बाद वेतन 50 से 80 हजार रुपये प्रतिमाह तक हो जाता है. देश अभी औद्योगिक रूप से पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है. यहां अब भी नई कंपनियों के लिए काफी संभावनाएं हैं और एफडीआई के जरिए उन्हें आकर्षित करने की लगातार कोशिशें हो रही हैं. ऐसे में विदेशी कंपनियों के आने पर ब्रांड मैनेजरों के वेतन में वृद्धि लाजिमी है.
ब्रांड मैनेजर बनने के लिये जरूरी गुण
ब्रांड मैनेजमेंट के प्रोफेशन में अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल का होना पहली शर्त है. दरअसल ब्रांड से जुड़े लोगों का काम अपने प्रोडक्ट की छवि को मार्केट में बेहतर बनाना होता है. यह काम बिना कम्यूनिकेशन स्किल के मुमकिन नहीं है. इसी तरह तार्किक दिमाग इस पेशे की दूसरी अनिवार्य शर्त है. यह पूरा पेशा ही मार्केट रिसर्च और प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश पर केंद्रित है. इसलिए सतर्क दिमाग और तार्किक सोच के साथ काम को अंजाम देना भी आना चाहिए.
इस क्षेत्र में करियर की संभावनाएं
ब्रांड मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद आप बतौर ब्रांड मैनेजर या प्रोडक्ट मैनेजर एफएमसीजी कंपनियों से जुड़कर काम करते हुए उपभोक्ताओं की जरूरतों और बाजार की नब्ज को पकड़ सकते हैं, तो अपनी कंसल्टेंसी भी शुरू कर सकते हैं.
विदेशों में काम करने का मौका
इस क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं को भारत के अलावा विदेश में भी काम करने का मौका मिलता है. वहां पर उन्हें भारत की अपेक्षा कई गुना अधिक पैसा मिलता है. साथ ही ऐसे युवा जिन्होंने सफलतापूर्वक
ब्रांड मैनेजमेंट का कोर्स पूरा कर लिया हो, हिन्दुस्तान लीवर, सनफार्मा, एल्केम फार्मा, आदित्य बिड़ला ग्रुप, रिलायंस में आसानी से नौकरी मिल जाती है.
संस्थान
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट, दिल्ली
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, लखनऊ और इंदौर
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड मैनेजमेंट, रांची
- एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, मुंबई
- सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, पुणे