संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मलेशिया एयरलाइंस दुर्घटना के जांचकर्ताओं के हादसा स्थल पर बिना किसी रोकटोक के पहुंचने के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया है.
ऑस्ट्रेलिया के जरिये पेश किए गए प्रस्ताव में मांग की गई है कि वहां मौजूद हथियार बंद गिरोह कुछ भी ऐसा न करें जिससे दुर्घटना स्थल पर मौजूद सबूतों को नुक़सान पहुंचे.
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जूली बिशप ने कहा, "प्रस्ताव में इस कृत की अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र जांच की भी मांग की गई है. हमारे पास जवाब होने चाहिए. हमें न्याय मिलना चाहिए. जो इस दुर्घटना से प्रभावित हुए हैं उनके प्रति ये हमारी जि़म्मेदारी है कि हम ये पता कर पाएं कि क्या हुआ था और उसके लिए कौन जिम्मेदार था."
हालांकि रूस के पास इस प्रस्ताव को वीटो करने का अधिकार था लेकिन उसने इसका स्वागत किया.
शब्दों पर एतराज़
रूस ने पहले प्रस्ताव के कुछ शब्दों पर एतराज जताया था.
लेकिन संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत विटाली चुरकिन ने कहा कि इस मामले में किसी तरह के पुर्वाग्रहों को छोड़ दिया जाना चाहिए और न ही इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी होनी चाहिए.
मगर रूस के रक्षा मंत्रालय के लेफ्टिनेंट जनरल आंर्दे कोरपोलोव ने आरोप लगाया है कि रूस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने यूक्रेन के एक लड़ाकू विमान को उसी ओर जाते देखा था जिस तरफ मलेशियाई बोइंग जा रहा था और दोनों विमानों के बीच की दूरी तीन से पांच किलोमीटर के बीच थी.
ब्लैक बॉक्स सौंपे गए
उनका कहना था कि ये विमान किसी भी टार्गेट पर 12 किलोमीटर की दूरी से निशाना ले सकते हैं.
इस बीच रूस-सर्मथित लड़ाकों ने सोमवार देर शाम को दुर्घटनाग्रस्त विमान एमएच17 के दो फ्लाइट रिकार्डर्स मलेशियाई अधिकारियों को सौंप दिए हैं.
यूक्रेन के अलगाववादियों ने दुर्घटनास्थल के 10 किलोमीटर दायरे में युद्धविराम की भी घोषणा की है.
इससे पहले यात्रियों के शव एक विशेष रेलगाड़ी टोरेज़ क़स्बे से खार्कीव के लिए रवाना हो गई थी जहां से शवों को विमान के ज़रिए नीदरलैंड्स भेजा जाएगा.
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