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अर्दोआन के लिए इस्तांबुल की हार इसलिए है बड़ा झटका

<figure> <img alt="अर्दोआन" src="https://c.files.bbci.co.uk/16D01/production/_107514439_gettyimages-1135811986.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>इस्तांबुल शहर में दोबारा हुए मेयर के चुनावों में तुर्की के राष्ट्रपति रैचप तैय्यप अर्दोआन की पार्टी एकेपी को तगड़ा झटका लगा है. </p><p>वोटों की गिनती लगभग पूरी हो चुकी है और मुख्य विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार एक्रेम इमामोग्लू 7,75,000 वोटों से आगे हैं जबकि दो […]

<figure> <img alt="अर्दोआन" src="https://c.files.bbci.co.uk/16D01/production/_107514439_gettyimages-1135811986.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>इस्तांबुल शहर में दोबारा हुए मेयर के चुनावों में तुर्की के राष्ट्रपति रैचप तैय्यप अर्दोआन की पार्टी एकेपी को तगड़ा झटका लगा है. </p><p>वोटों की गिनती लगभग पूरी हो चुकी है और मुख्य विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार एक्रेम इमामोग्लू 7,75,000 वोटों से आगे हैं जबकि दो महीने पहले हुए चुनावों में वो महज 13,000 वोटों से आगे थे. </p><p>एकेपी ने मार्च में हुए चुनावों में अनियमितता की शिकायत की थी, जिसके बाद इस चुनाव को रद्द कर दिया गया था. </p><p>एकेपी का इस्तांबुल में पिछले 25 साल से शासन था. इसके उम्मीदवार पूर्व प्रधानमंत्री बिनाली यिल्दीरिम ने अपनी हार मान ली है. </p><p>ट्विटर पर राष्ट्रपति रैचप तैयप अर्दोआन ने लिखा है, &quot;एक्रेम इमामोग्लू को मैं बधाई देता हूं, जिन्होंने चुनाव में जीत हासिल की है.&quot;</p><p>इससे पहले अर्दोआन ने कहा था कि &quot;जो इस्तांबुल जीतेगा वही तुर्की जीतेगा&quot;. अर्दोआन 2003 से ही देश पर शासन कर रहे हैं. पहले प्रधानमंत्री के तौर पर अब राष्ट्रपति के रूप में. </p><p>इतने लंबे समय से देश पर शासन करने वाले अर्दोआन आधुनिक तुर्की गणराज्य की नींव रखने वाले मुस्तफ़ा कमाल पाशा यानी अतातुर्क के बाद सबसे ताक़तवर नेता हैं. लेकिन अब उन्हें चुनौती मिलने लगी है. </p><p>रिपब्लिकन पपुल्स पार्टी (सीएचपी) के एक्रेम इमामोग्लू ने जीत के बाद दिए अपने भाषण में कहा कि &quot;ये शहर और देश दोनों के लिए एक नई शुरुआत है.&quot; </p><p>उन्होंने अर्दोआन के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई, &quot;राष्ट्रपति महोदय, मैं आपके साथ मिलकर शांतिपूर्ण माहौल में काम करना चाहता हूं.&quot;इन चुनावों में इमामोग्लू को 54% जबकि यिल्दीरिम को 45% वोट मिले.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48741032?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अर्दोआन को मेयर के चुनाव में फिर हार का झटका</a></li> <li><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2016/07/160731_turkey_army_dismissals_pk?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तुर्की में 1389 सैनिक बर्ख़ास्त</a></li> </ul><figure> <img alt="इस्तांबुल" src="https://c.files.bbci.co.uk/173A5/production/_107514159_1ba843e6-fa60-4f59-8965-5d54e743e7ca.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> <figcaption>इस्तांबुल के मेयर का चुनाव जीतने वाले इमामोग्लू</figcaption> </figure><h1>कौन थे उम्मीदवार</h1><p>वर्तमान में 49 साल के इमामोग्लू इस्तांबुल के ही एक ज़िले के मेयर हैं लेकिन मार्च में मेयर के पद के लिए हुए चुनाव से पहले उन्हें बहुत कम लोग जानते थे.</p><p>यिल्दीरिम, अर्दोआन की पार्टी एकेपी के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं और 2016 से 2018 तक प्रधानमंत्री रहे लेकिन उसके बाद तुर्की में राष्ट्रपति प्रणाली लागू हो गई और प्रधानमंत्री पद समाप्त हो गया. </p><p>इसके बाद बीती फ़रवरी में नई संसद में उन्हें स्पीकर चुना गया. वो परिवहन और संचार मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी भी निभा चुके हैं. </p><h1>मार्च का चुनाव क्यों रद्द हुआ</h1><p>असल में मार्च में इमामोग्लू की 13,000 वोटों से जीत इतनी बड़ी जीत नहीं थी कि यिल्दीरिम अपनी हार स्वीकार करते. </p><p>सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोप लगाया गया कि वोटों में धांधली हुई है और अधिकांश बैलट बॉक्स पर्यवेक्षकों को आधिकारिक मंजूरी नहीं दी गई थी. </p><p>इस आधार पर फिर से मतदान का फ़ैसला लिया गया. हालांकि आलोचकों का आरोप है कि दोबारा चुनाव का फ़ैसला राष्ट्रपति अर्दोआन के दबाव में लिया गया. </p><p><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2016/07/160719_turkey_mass_suspension_of_educational_staff_sr?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तुर्की- 15,000 शिक्षा कर्मचारी निलंबित</a></p><figure> <img alt="अर्देआन के क़रीबी पूर्व प्रधानमंत्री" src="https://c.files.bbci.co.uk/3F0D/production/_107514161_db042cae-f783-4643-a59e-97528e09c0d2.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> <figcaption>अर्देआन के क़रीबी पूर्व प्रधानमंत्री</figcaption> </figure><h1>इस्तांबुल इतना अहम क्यों है?</h1><p>यह तुर्की का सबसे बड़ा शहर है, जिसकी आबादी डेढ़ करोड़ है जबकि पूरे देश की आबादी 8 करोड़ है. इस्तांबुल देश की आर्थिक रीढ़ भी है. </p><p>ये अर्दोआन के दिल के क़रीब भी है क्योंकि 25 साल पहले जब एकेपी सत्ता में आई तो अर्दोआन ने यहीं से मेयर का चुनाव लड़कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. </p><p>वो यहां से 1994 से 1998 के बीच मेयर रहे. तुर्की के कुल जीडीपी का एक तिहाई इस्तांबुल से आता है. इसके महानगरीय निकाय का बजट लगभग चार अरब डॉलर है और यहां जीतने का मतलब है शहर के कई महत्वपूर्ण फ़ैसलों में सीधी भागीदारी. </p><p>इस चुनाव में इमामोग्लू ने महानगरीय निकाय में व्यापक भ्रष्टाचार और शहरी ग़रीबी को मुद्दा बनाया था. </p><p>इस्तांबुल की जीत के साथ ही अब विपक्ष का इज़्मीर और अंकारा में भी क़ब्ज़ा है. </p><figure> <img alt="तुर्की" src="https://c.files.bbci.co.uk/12585/production/_107514157_1fc014a0-d61e-4698-b87d-30a0fdcb432d.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><h1>सबसे बड़ा झटका</h1><p>तुर्की में बीबीसी के संवाददाता मार्क लोवेन के अनुसार, हाल के सालों में तुर्की के सबसे ताक़तवर नेता को उसके करियर का ये सबसे तगड़ा झटका मिला है.</p><p>नतीजे दिखाते हैं कि दोबारा चुनाव कराने के लिए उन्होंने अपनी ताक़त का इस्तेमाल किया जिससे लोगों की नाराज़गी बढ़ी.</p><p>इस हार का एकेपी पर असर पड़ेगा और हो सकता है उसमें फूट पड़ जाए और इस बात को हवा मिले कि अर्दोआन के बाद बागडोर किसके हाथ में जाएगी. </p><p>हालांकि उनके पास ये कहने का कारण है कि आने वाले कुछ सालों तक वो सत्ता में बने रहेंगे, क्योंकि 2023 से पहले देश में चुनाव नहीं होने जा रहा है. </p><p>कुछ लोगों का ये भी कहना है कि आम चुनाव समय से पहले भी हो सकते हैं. हालिया नतीजों से कुछ लोगों को लगता है कि ये भविष्य के नतीजों का संकेत है. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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