<figure> <img alt="बच्चे पर अत्याचार" src="https://c.files.bbci.co.uk/3494/production/_100906431_329d10c3-b8d4-4ecf-b35c-f6cd2e000b1d.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Thinkstock</footer> </figure><p>मंदिर में चोरी के आरोप में एक पांच साल के दलित बच्चे को बिना कपड़ों के गर्म टाइलों पर देर तक बैठाया गया. घटना महाराष्ट्र के वर्धा ज़िले की है.</p><p>बच्चे के शरीर पर जलने के निशान हैं और उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. </p><p>बच्चे का नाम आर्यन खड़से है. आर्यन के पिता की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने अमोल धोरे नाम के एक शख़्स को गिरफ़्तार किया है और उस पर अत्याचार निवारण और बाल सुरक्षा क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी मामले को गंभीरता से लिया है.</p><p>पुलिस के मुताबिक, अभियुक्त अमोल धोरे का आपराधिक इतिहास रहा है और उस पर पहले भी कुछ मामले दर्ज हैं.</p><p>मामले की शिकायत दर्ज करने वाले पुलिसकर्मी ने बताया कि बच्चा कुछ चुराने के इरादे से मंदिर पहुंचा था, तब अभियुक्त ने उसकी पिटाई की.</p><figure> <img alt="ज़ख्मी बच्चा" src="https://c.files.bbci.co.uk/13AF8/production/_107423608_templestoryphotoblur.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Nitesh Raut</footer> <figcaption>ज़ख्मी बच्चा</figcaption> </figure><h1>क्या हुआ था?</h1><p>वर्धा के अरवी में रानी लक्ष्मीबाई वॉर्ड में जोगाना माता का मंदिर है. स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप पोटफोडे ने बताया कि यह कोई मशहूर मंदिर नहीं है और वटपूर्णिमा के अलावा वहां कभी भीड़ नहीं होती. </p><p>उन्होंने बताया, "वरना वहां ज़्यादातर समय जुआरी जुटे रहते हैं और मंदिर में बरगद के पेड़ के पास जुआ खेलते हैं. यहां शराब भी बिकती है. अभियुक्त धोरे भी अवैध शराब बेचने का काम करता है."</p><p>बताया जा रहा है कि दोपहर 12 बजे के क़रीब आर्यन मंदिर में खेल रहा था जब अमोल धोरे उसे पकड़कर पीटने लगा. आरोप है कि धोरे ने बच्चे के सभी कपड़े उतरवाए और 45 डिग्री तापमान में मंदिर के गर्म पत्थरों पर बैठने को मज़बूर किया. </p><p>आर्यन रोत-चीखते हुए अपने घर की ओर भागा. इसके बाद परिवार उसे अस्पताल लेकर पहुंचा. ज़िला सिविल अस्पताल के आईसीयू में उसका इलाज चल रहा है. उसके पिता गजानन खड़से का कहना है कि उसका इलाज कम से कम दस दिन और चलेगा.</p> <ul> <li>पढ़ें | <a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48648018?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">गुजरातः सेप्टिक टैंक में कैसे हुई सात लोगों की मौत?</a></li> <li>पढ़ें | <a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48637158?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">गुजरात में फिर दलित पर हमला, घर से खींचकर मार डाला</a></li> <li>पढ़ें | <a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48548257?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’देश छोड़ने पर भी जाति ने पीछा नहीं छोड़ा'</a></li> </ul><h1>’कितना दर्द हुआ होगा मेरे बच्चे को'</h1><p>बीबीसी से बात करते हुए गजानन खड़से ने कहा, "अभियुक्त की मानसिक स्थिति के बारे में कोई अंदाज़ा लगाना मुश्किल है. पता नहीं उसने सच में कुछ चुराया था या जातीय नफ़रत की वजह से उसे पीटा गया? अगर उसने मंदिर से 5-10 रुपये चुराए थे तो उसे डांटा जा सकता था या कुछ थप्पड़ मारे जा सकते थे. लेकिन जो किया गया उससे कितना दर्द उसे हुआ होगा. वह दर्द से चीखता रहा होगा लेकिन उसने (अभियुक्त ने) कोई दया नहीं दिखाई. "</p><p>गजानन का दावा है कि एक महिला अपने घर से ये सारी घटना देख रही थी और उसने अभियुक्त से यह सब न करने को भी कहा था. लेकिन उनके शब्दों में, "वह पीछे हटने को तैयार नहीं था."</p><p>गजानन बताते हैं, "आख़िर में उसी महिला ने मेरे बच्चे को आज़ाद कराया. मुझे लगता है कि वो मेरे बच्चे को मारना चाहता था. शुक्र है कि वो महिला भगवान बनकर आ गई. वरना हम अपना बच्चा खो देते."</p><p>गजानन ने बताया कि वह मज़दूरी करते हैं. उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं. उऩकी मांग है कि अभियुक्त को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.</p><p>सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप पोटफोडे कहते हैं, "वो बच्चा हर रोज़ मंदिर में खेलने जाता था. हो सकता है इससे धोरे के शराब बेचने के धंधे पर असर पड़ा हो और इसलिए उसने सज़ा दी हो."</p><p>लेकिन जांच अधिकारी परमेश अगासे इस बात से इनकार करते हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में कोई अवैध व्यापार नहीं हो रहा था. उन्होंने बच्चे से हुई पिटाई के पीछे जातीय नफ़रत की बात से भी इनकार किया है. </p><p>उन्होंने कहा, "अभियुक्त को शक हुआ कि बच्चे ने मंदिर से कुछ चुराया है. तो शायद मज़ाक मज़ाक में यह घटना हो गई."</p><p>बच्चे का परिवार दिहाड़ी करके पेट पालता है. कई संस्थाएं ने उनकी मदद के लिए आगे आई हैं. भीम टाइगर सेना ने ज़िलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है और सख़्त कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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दलित बच्चे को नंगा करके गर्म पत्थरों पर बैठाया, मंदिर में चोरी का था शक
<figure> <img alt="बच्चे पर अत्याचार" src="https://c.files.bbci.co.uk/3494/production/_100906431_329d10c3-b8d4-4ecf-b35c-f6cd2e000b1d.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Thinkstock</footer> </figure><p>मंदिर में चोरी के आरोप में एक पांच साल के दलित बच्चे को बिना कपड़ों के गर्म टाइलों पर देर तक बैठाया गया. घटना महाराष्ट्र के वर्धा ज़िले की है.</p><p>बच्चे के शरीर पर जलने के निशान हैं और उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया […]
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