- बनगांव सीट पर 40 प्रतिशत हैं मतुआ वोटर
- मतुआ समुदाय के वोट से होता है हार-जीत का फैसला
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बनगांव : सियासी बिसात में फंसा रिश्ते का धर्मसंकट
बनगांव सीट पर 40 प्रतिशत हैं मतुआ वोटर मतुआ समुदाय के वोट से होता है हार-जीत का फैसला मनोरंजन सिंह, कोलकाता : पश्चिम बंगाल का बनगांव लोकसभा केंद्र सीमवर्ती अंचल से सटा है. इसके अंतर्गत कल्याणी, हरिणघाटा, बागदा, बनगांव उत्तर,बनगांव दक्षिण, गाइघाटा और स्वरूपनगर विधानसभा केंद्र आते हैं. यहां से जीत-हार का निर्णय मतुआ समुदाय […]
मनोरंजन सिंह, कोलकाता :
पश्चिम बंगाल का बनगांव लोकसभा केंद्र सीमवर्ती अंचल से सटा है. इसके अंतर्गत कल्याणी, हरिणघाटा, बागदा, बनगांव उत्तर,बनगांव दक्षिण, गाइघाटा और स्वरूपनगर विधानसभा केंद्र आते हैं. यहां से जीत-हार का निर्णय मतुआ समुदाय के वोटों से ही तय होती है. उनके समर्थन के बिना जीतना लोहे का चने चबाने जैसा है, लेकिन इस बार मतुआ समुदाय से दशकों से जुड़े परिवार के ही वंश के दो लोग सियासी मैदान में कूद पड़े है.
एक ममताबाला ठाकुर, जो मतुआ समुदाय की प्रमुख रही स्वर्गीय (बड़ो मां) वीणापाणि देवी की बड़ी बहू (बड़े लड़के स्वर्गीय कपिल कृष्ण ठाकुर की पत्नी) और दूसरी तरफ उनका पोता शांतनु ठाकुर (छोटे लड़के मंजुल कृष्ण ठाकुर का बेटा) है. ऐसे में इस क्षेत्र के 40 प्रतिशत मतुआ वोट भी दो खेमे में बंट गया है और साथ ही इस सियासी लड़ाई में रिश्ते का धर्मसंकट सामने आ गया है.
मतुआ समुदाय और ठाकुरबाड़ी का पुराना रिश्ता
मतुआ समुदाय और ठाकुरबाड़ी का पुराना रिश्ता है. मतुआ महासंघ के संस्थापक हरिचंद ठाकुर को ठाकुरनगर की भूमि का गुरु कहा जाता है. उनके मौत के बाद उनके बेटे गुरुचंद ठाकुर ने उनके कार्यों को आगे बढ़ाया. फिर उनके ही वंश के प्रमथ रंजन ठाकुर से बड़ो मां का विवाह हुआ था.
प्रमथ रंजन ठाकुर ने ही ठाकुरनगर का नामकरण किया, जो बाद में ठाकुरबाड़ी के नाम से मशहूर हो गया, जो ठाकुर परिवार का घर है और मतुआ समुदाय के धार्मिक स्थल व आस्था का केंद्र बन गया है.
जब राजनीतिक मैदान में बंट गया परिवार
2010 में जब बड़ो मां ने ममता बनर्जी को मतुआ समुदाय की प्रमुख संरक्षक बनायी, तो मुख्यमंत्री ने भी 2014 में बड़ो मां के बड़े लड़के कपिल कृष्ण ठाकुर को बनगांव से चुनाव में उतारा.
वे जीता, लेकिन एक साल में ही उसकी मौत के बाद 2015 में उपचुनाव में उनकी पत्नी ममताबाला ठाकुर को उतारा गया, जिसे देख ममताबाला ठाकुर के देवर मंजुल कृष्ण ठाकुर भी चुनावी मैदान में भाजपा से उतरे, लेकिन उनकी हार के बाद राजनीतिक लड़ाई से परिवार में दूरी बढ़ने लगी.
2019 में ममताबाला ठाकुर फिर तृणमूल से खड़ी हुई है, तो इधर मंजुल कृष्ण ठाकुर का लड़का शांतनु ठाकुर भी भाजपा से खड़ा हुए है. हालही में गत पांच मार्च 2019 को बड़ो मां की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के दौरान भी राजनीतिक लड़ाई के कारण पारिवारिक दूरियां दिखी.
बनगांव केंद्र : एक नजर
कुल मतदाता 16,97,146
पुरुष 8,70,125
महिला 8,26,996
अन्य 25
ये हैं प्रमुख क्षेत्र
कल्याणी, हरिणघाटा, बागदा, बनगांव उत्तर,बनगांव दक्षिण, गाइघाटा और स्वरूपनगर
2009 में किसे कितना मिला था वोट
पार्टी नाम वोट प्रतिशत
तृणमूल गोविंद चंद्र नस्कर 546,596 50.69
माकपा डॉ असिम बाला 453,770 42.08
भाजपा कृष्णापद मजूमदार 42,610 03.95
2014 में किसे कितना मिला था वोट
तृणमूल कपिल कृष्ण ठाकुर 551,213 42.94
माकपा देबेश दास 404,612 31.52
भाजपा केडी विश्वास 244,783 19.07
कांग्रेस इला मंडल 43,866 03.42
चुनावी मैदान में िदग्गज उम्मीदवार
1. ममताबाला ठाकुर (तृणमूल) 2. अलकेश दास (माकपा)
3. शांतनु ठाकुर (भाजपा) 4. सौरभ प्रसाद (कांग्रेस)
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