दक्षा वैदकर
एक कंपनी अपने कर्मचारियों को लेकर बिलकुल भी गंभीर नहीं है. सालों से उसके यहां चापलूसों को ही प्रोमोशन मिलता रहा है. काम करने वाले वहां अक्सर पीछे रह जाते हैं और कामचोर हमेशा आगे निकल जाते हैं. हालांकि, कई कंपनियों में ऐसा होता है. जब भी पूरी टीम को कोई काम मिलता है, चंद कर्मचारी ही काम करते हैं.
बाकी केवल आराम करते हैं. जब रिजल्ट आता है, तो क्रेडिट सभी को बराबर मिलता है. इस तरह काम करने वाले कर्मचारियों का मनोबल गिरता चला जाता है. उन्हें लगता है कि इस कंपनी को प्रतिभा की कद्र नहीं है. बेहतर है कि हम ऐसी कंपनी में जाएं, जहां हमारी कद्र हो. धीरे-धीरे वे कंपनी छोड़ कर जाने लगते हैं. अंत में बच जाते हैं सिर्फ कामचोर कर्मचारी.
कुछ ऐसा ही उस कंपनी के साथ भी हुआ, जिसकी मैं बात कर रही हूं. एक समय ऊंचाइयां छूने वाली वह कंपनी बंद होने की कगार पर है. वजह साफ है, अपने कर्मचारियों को सही तरीके से मैनेज नहीं कर पाना.
ऐसा आपके यहां भी हो सकता है. अगर आप बॉस हैं, बिजनेसमैन हैं, किसी कंपनी के मालिक हैं या किसी सेक्शन के हेड हैं, तो आपका कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. हर कंपनी चाहती है कि उसके यहां बेस्ट कर्मचारी काम करें, लेकिन यह तभी मुमकिन हो सकता है, जब आपको अपने यहां मौजूद टैलेंट का बेस्ट मैनेजमेंट भी आता हो. जो लोग आपकी कंपनी में काम से जी चुराते हैं या दूसरों का काम बिगाड़ते हैं, उनसे निबटने के लिए भी आपके पास एक सटीक नीति होनी चाहिए. बहुत-से लोग टीमवर्क की आड़ में काम से जी चुराते हैं और वे पकड़ में भी नहीं आते. इस स्थिति से बचने के लिए ऑफिस में सभी के काम की अलग-अलग मॉनिटरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए.
बेस्ट टैलेंटेड लोगों को पहचानें और उनको उनका स्थान दें. उन्हें प्रमोट करें. कामचोर कर्मचारी को दंडित भी करें. हर सफल काम के पीछे छिपे सही व्यक्ति को पहचानें. पता लगायें कि यह काम किसने किया है. साथ ही यह भी कि कोई क्रेडिट बेवजह तो नहीं ले रहा?
बात पते की..
– कर्मठ कर्मचारी अपने जीवन का कीमती समय आपकी कंपनी में निवेश कर रहे हैं. बदलें में उन्हें ऐसा कुछ दें, जिससे वे जुड़ाव महसूस करें.
– टैलेंटेड लोगों को अच्छा काम करने पर समय-समय पर पुरस्कृत करें. मीटिंग में उनकी प्रशंसा करें, ताकि सभी अच्छे काम के लिए प्रेरित हों.