केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बदायूं सामूहिक बलात्कार मामले को ‘भयानक’ करार दिया और इस पर राज्य सरकार के रुख को ‘असंवेदनशील’ बताते हुए उसका इस्तीफ़ा मांगा है.
उन्होंने ये भी बताया कि सरकार इस साल के अंत तक सभी ज़िलों में बलात्कार संकट केंद्र खोलेगी.
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले में शौच के लिए निकलीं दो चचेरी बहनों का पहले कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया और उसके बाद उनके शव पेड़ से लटके मिले थे.
इस घटना की चौतरफ़ा निंदा हो रही है और राज्य की अखिलेश यादव सरकार सबके निशाने पर है.
नहीं जाएंगी बदायूं
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा, “वे असंवेदनशील हैं. मैं कहती हूं कि इस सरकार को जाना चाहिए. अगर नई सरकार भी आ जाए और तब तक हम महिलाओं को उचित सुरक्षा न दे पाएं, तो इससे क्या होगा?”
मेनका गांधी ने कहा कि वो खुद बदायूं का दौरा नहीं करेंगी क्योंकि इससे कुछ हासिल होने वाला नहीं है.
उन्होंने कहा, “अगर मैं तुरंत वहां चली जाती तो इससे कुछ ख़ास हासिल नहीं होता. बल्कि मुझे इस समय का उपयोग ऐसी व्यवस्था लागू करने में करना चाहिए ताकि बदायूं जैसी घटनाएं और न हों.”
केंद्रीय मंत्री का ये भी कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि ये मामला सीबीआई को सौंपे जाने से कोई मकसद पूरा होगा.
उन्होंने कहा, “गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप से, मीडिया की कवरेज से और इस मुद्दे पर लोगों का ध्यान होने की वजह से दोषी पकड़े गए हैं. एक अभी फरार है, उसे भी पकड़ लिया जाएगा, इसलिए पुलिस का काम पहले ही शुरू हो चुका है. अब अगर इस मामले को आप सीबीआई को देते हैं, तो किस लिए?”
एक सवाल के जवाब में मेनका गांधी ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को पुलिस पर भरोसा नहीं है और इसलिए व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए.
विरोध प्रदर्शन
इस बीच सोमवार को इस घटना के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यालय के सामने ज़ोरदार प्रदर्शन किए, वहीं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पीड़ित परिवारों से मिलने बदायूं गए.
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने प्रदेश सरकार की आलोचना की और कहा कि अखिलेश यादव सरकार महिलाओं के ख़िलाफ अपराधों को रोकने में नाकाम रही है.
पुलिस को उन्हें रोकने और तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ा.
दूसरी तरफ़ केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने पीड़ित परिजनों को आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे पर उनकी मांगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखेंगे.
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, बदायूं से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार पीड़ित परिवार से मुलाकात कर चुकी हैं.
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