साल 1989 में चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी के आदेश पर सेना ने लोकतंत्र के समर्थन में तियेनएनमेन चौक पर प्रदर्शन करने वाले सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी थी. 25 साल पहले चीन के आधुनिक मूल्यों के ख़िलाफ़ एक बेहद अलग तरीक़े का प्रदर्शन हुआ था.
चीन के युवा आदर्शवादियों की मेरी तलाश, तियेनएनमेन के उत्तराधिकारियों की भावना तीन घंटे की ट्रैफ़िक जाम वाली यात्रा के साथ शुरू हुई.
लेकिन विरोधाभासी ढंग से यह रास्ता मुझे तियेनएनमेन चौक के उत्तरी छोर पर ले गया, अलौकिक शांति के द्वार पर चैयरमैन माओ तस्वीर लगी थी.
इस अनंत शांति के समीप पश्चिमी तरफ़ 25 साल पहले टैंकों ने विपरीत दिशा में बीजिंग के हृदय में गड़गड़ाते हुए अनगिनत नौजवानों और एक पीढ़ी के आदर्शवाद दोनों की हत्या कर दी थी.
(तियेनएनमेन चौक इतना अहम क्यों है?)
‘राजनीति नहीं, यह ख़तरनाक है’
ये सार्वजनिक जगहें बहुत ज़्यादा नहीं बदली हैं, लेकिन 25 साल इस रास्ते से गुज़रने वाले छात्र की निगाहों से तो बीजिंग पहचान में नहीं आता है. अब यहाँ ख़च्चर गाड़ियां, बाज़ार और मिट्टी की बनी पगडंडी नहीं है. बीजिंग ने अपनी छह लेन की सड़कों, शीशे से बने भवनों और कंकरीट से हमें चौंका दिया.
युवा आदर्शवादी जिनकी मुझे तलाश थी, उन्होंने शहरी जीवन का परित्याग कर दिया और गाँवों की ओर चले गए. उबड़-खाबड़ रास्तों पर काफ़ी सफ़र के बाद अख़िर में संयोग से हम राइटस पाथ के बोर्ड तक पहुंच गए, जो खेतों की तरफ़ जाता था.
भीतर के रास्तों पर मैंने पाया कि राइटस पाथ के किसान काफ़ी ख़ुश थे. वहाँ जू चेंगचेंग मौजूद थीं, इनका जन्म तियेनएनमेन प्रदर्शनों के साल में हुआ था.
उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता चीन में राजनीतिक सुधारों के प्रति सकारात्मक थे. लेकिन उनकी पीढ़ी ने चार जून 1989 के बाद काफ़ी तकलीफ उठाई है.
18 साल की होने के बाद उन्होंने माता-पिता को बीजिंग में राजनीति पढ़ने की इच्छा के बार में बताया तो उन्होंने कहा राजनीति नहीं, यह बेहद ख़तरनाक है. इसकी बजाय उन्होंने उनको अंतरराष्ट्रीय वित्त का अध्ययन करने के लिए ज़ोर दिया.
हंसते हुए बच्चे
लेकिन जू चेंगचेंग जानती थीं कि उनको कोई चीज़ खींच रही है. जब उनके साथ की लड़कियां विश्वविद्यालय छोड़कर नौकरियों में लग गईं और घर व कारों के लिए बचत करना शुरू कर दिया. उन्होंने भूकंप पीड़ितों की मदद करने और गाँव में शिक्षा कि विभिन्न परियोजनाओं में काम करना शुरू कर दिया.
चेंगचेंग ने युवाओं को समझाया कि शिक्षा के साथ हमें समाज के बारे में सोचना चाहिए. जब एक व्यक्ति किस अन्य की मदद करता है तो समाज में बदलाव आता है.
साल 1989 में तियेनएनमेन चौक पर मौजूद कोई भी युवा आपको ठीक यही बात बताता, लेकिन इन दिनों यह बात लगभग अजीब सी लगती है.
यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि समाज के बारे में सोचने को सरकार और परिवार को काफ़ी सक्रियता के साथ हतोत्साहित किया जाता है.
जू चेंगचेंग के पीछे खेतों में बच्चों के एक झुंड को सेब की टोकरियों के समीप हंसते देखा था.
एक सुरंग से गुज़रते हुए मेरी भेंट 29 साल के जी झे से हुई स्ट्रॉबेरी के पौधों के पास से उछने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि इनके बीज अंतरिक्ष में भेजे गए.
दोस्तों से ज़्यादा स्वतंत्र
उनके पुराने और नए जीवन के बीच यही एकमात्र कड़ी है. क्योंकि दो साल पहले स्ट्राबेरी का यह किसान स्पेशक्रॉफ़्ट और सैटेलाइट्स के डिज़ाइनर थे.
ऐसे देश में जहाँ एक बच्चे होते हैं और अच्छी शिक्षा व अच्छी नौकरी हर परिवार का मिशन स्टेटमेंट होता है वहाँ अपना करियर बदलने वाली बात सिर चकराने वाली लग सकती है.
इस फ़ैसले के बारे में जी झे कहते हैं कि प्रकृति में विज्ञान से ज़्यादा विवेक है और ब्रह्माण्ड के साथ मधुर संबंध बनाने वाले पूर्व के प्राचीन दर्शन की ओर लौटने ने उनको कंप्यूटर के सामने बैठकर तरक्की का इंतज़ार करने वाले दोस्तों से ज़्यादा स्वतंत्र बनाया है.
किताबी सी लगने वाले कुछ दर्ज़न लोगों के इस समुदाय से जुड़े वू योंगलांग अपने समुदाय की चैयरमैन माओ के कम्यून मूवमेंट से तुलना से इत्तेफ़ाक नहीं रखते. वह कहते हैं कि यहाँ हर कोई अपनी मर्ज़ी से रह रहा है.
वह कहते हैं राजनीतिक दर्शन व्यावहारिक होता है. यह जानिए कि साम्यवाद में क्या चला और क्या नहीं चला?
(पढ़ेंः चीन में खेती की 20 फ़ीसदी ज़मीन हुई प्रदूषित)
शून्य को भरने की कोशिश
वू ने मुझे बताया कुछ धर्म से नष्ट होने वाले पुराने मूल्यों से उपजे शून्य को भरने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं बाकी लोग ख़रीददारी, कंप्यूटर गेम्स या कोरियन सोप ऑपेरा से उस खालीपन को भर रहे हैं.
लेकिन यहाँ वह कहते हैं कि इसका जवाब जैविक खेती में है. मुझे हैरानी हुई कि क्या यह एक राजनीतिक संदेश था, ऐसे देश में जहाँ हवा, मिट्टी और पानी में भारी प्रदूषण है.
इस फ़ॉर्म पर हर कोई सरकार की आलोचना करने से बचने के बारे में काफ़ी सतर्क है. वे कहते हैं कि यह काफ़ी विशाल देश हैं, हर चीज़ काफ़ी सोच-विचार के साथ करनी चाहिए.
जब मैंने वू से सीधे 25 साल पहले प्रदर्शन करने वाले नौजवानों की भावना के बारे में पूछा तो उन्होंने विचारों में गोता लगाते हुए कहा कि 1989 में वे आज़ादी, लोकतंत्र और समानता चाहते थे.
लेकिन उनका तरीका विद्रोह और आलोचना का था. हमारा नज़रिय़ा सकारात्मक और व्यावहारिक है, एक बेहतर समाज का निर्माण करना, केवल दूसरों का आलोचना करना भर नहीं.
(मृत्युदंड के मामले बढ़े, चीन नंबर वन)
रुचिकर, ईमानदार और ख़ुश युवा
राजधानी की तरफ़ वापस लौटते हुए मैं मिलने वाले युवा आदर्शवादियों के बातों के बारे में सोच रही थी.
यह शायद हर किसी के भविष्य का जवाब नहीं है. यहां तक कि संभवतः ख़ुद उनके दीर्घकालीन योजनाओं का.
लेकिन वे रुचिकर, ईमानदार और सीधे आँखों में देखने वाले थे और वे ख़ुश लग रहे थे.
इसने उनको एक ऐसे चीन में खड़े होने का मौक़ा दिया है जहाँ ज़िंदगी काफ़ी असुरक्षित प्रतीत होती है और जहाँ अधिकांश लोगों चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के ख़िलाफ़ एक बैचेन करने वाले संघर्ष का अनुभव करते हैं.
राइटस पाथ के किसान इस बात के लिए सतर्क हो सकते हैं कि चीन के शासकों के लिए कोई सीधा ख़तरा न बनें, फिर भी सस्टैनबल फ़ार्मिंग, उपभोक्तावाद के परित्याग और नैतिक उत्तरदायित्व की भावना से आर्थिक विकास का ऐसा मॉडल और सत्ता द्वारा स्थापित मूल्यों को सदमा पहुंचाते हैं.
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