इस्लामाबाद : मुंबई हमले का मास्टर माइंड और आतंकी हाफिज सईद किसी भी कीमत पर पाकिस्तान में होने जा रहे आम चुनाव में किस्मत आजमाना चाहता है. यही कारण है कि बार-बार झटका लगने के बाद भी सईद लगातार तिकड़म भिड़ाने से बाज नहीं आ रहा है. अब हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा की राजनीतिक इकाई मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) ने आगामी आमचुनाव में एक ऐसी पार्टी के नाम का इस्तेमाल करने का फैसला किया है जिसे बहुत ज्यादा पहचान नहीं मिली है.
जानकारी के अनुसार यह निर्णय एमएमएल को राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत करने के आवेदन को दूसरी बार खारिज करने के पाकिस्तान के चुनाव आयोग के फैसले के बाद लिया गया है. एमएमएल मुंबई हमले के मास्टरमाइंड सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात – उद – दावा का सहयोगी संगठन है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि 25 जुलाई को होने वाले चुनाव में एमएमल के समर्थित करीब 200 प्रत्याशी अल्लाह – ओ – अकबर तहरीक (एएटी) पार्टी के तहत मैदान में होंगे. एएटी पहले से ही पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) में पंजीकृत है. ईसीपी ने बुधवार को एक बार फिर पंजीकरण के लिए एमएमएल के आवेदन को ठुकरा दिया था.
एमएमएल ने घोषणा की है कि चुनाव से पहले अगर शीर्ष न्यायालयों का निर्णय उनके पक्ष में नहीं आता है तो पार्टी द्वारा समर्थित उम्मीदवार एएटी के मंच से चुनाव में भाग लेंगे. ईसीपी की सूची में मान्यता प्राप्त दलों में एएटी 10 वें नंबर पर है. एएटी कम पहचान पाने वाली पार्टी है जिसके अध्यक्ष बहावलपुर के मियां इहसान बारी हैं. ईसीपी ने उसे ‘ कुर्सी ‘ चुनाव चिह्न आवंटित किया है.
ईसीपी की चार सदस्यीय खंडपीठ ने गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के आधार पर एमएमएल के आवेदन को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि पार्टी जेयूडी प्रमुख सईद की विचारधारा का पालन करती है.