ब्रिटेन की रसायन वैज्ञानिक डोरोथी मेरी हॉजकीन का जन्म 12 मई, 1910 को इजिप्ट के कायरो शहर में हुआ. उनके पिता का नाम जॉन विंटर क्रोफुट और मां का नाम ग्रेस मेरी क्रोफुट था. उनके माता-पिता दोनों आर्कियोलॉजिस्ट थे.
चार साल की उम्र में ही वह मां-बाप से अलग इंगलैंड में रहने लगीं. बेहद कठिन बचपन गुजरने के बाद भी उन्होंने अपनी मानसिक दृढ़ता का परिचय दिया. उन्हें बचपन से ही पढ़ाई का बहुत शौक था. उनका मन विज्ञान के प्रश्नों को सुलझाने में लगता था. उनके स्कूल में साइंस विषयों की पढ़ाई अच्छी नहीं होती थी.
उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए इंट्रेंस एग्जाम देना था. उन्होंने इसकी तैयारी के लिए प्राइवेट ट्यूशन किये. 18 साल की उम्र में उनका दाखिला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हो गया. उन्होंने वहां केमेस्ट्री में स्नातक की ड्रिग्री ली. 1933 में उन्हें सोमरविले कॉलेज में रिसर्च फेलोशिप मिला. 1934 में उन्होंने फिर से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ज्वाइन कर लिया. कॉलेज ने उन्हें केमेस्ट्री में पहली शिक्षिका के रूप में बहाल किया गया. इस पद पर वे 1977 तक रहीं और छात्रों को शिक्षा दी.
इनमें ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गेट थ्रेचर भी थीं. डोरोथी मेरी हॉजकीन ने बॉयोकेमेस्ट्री के क्षेत्र में कई खोज किये. इनमें 1945 में पेनिसिलिन का मॉलीक्यूलर मॉडल अहम था. उन्होंने तीन आयामवाले (3डी) बॉयोमॉलीक्यूलर स्ट्रक्चर की खोज की. सीएच हैरी के साथ मिल कर उन्होंने स्टेरॉयड, कोलेस्ट्रॉल आयोडॉइड के बारे बताया. उन्होंने बताया कि पेनिसिलिन में बीटा-लैक्टैम (ß-lactam) रिंग होती है. उनकी खोज को 1949 में पेटेंट किया गया. बाद में उन्होंने अपने सहयोगी के साथ मिल कर विटामिन बी-12 की भी खोज की. उन्होंने इंसुलिन की भी खोज में अहम भूमिका निभायी. उनके द्वारा किये गये खोजों के कारण ही मनुष्यों को विषाणुजनित रोगों से बचाया जा सका. उन्हें विटामिन बी-12 की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा गया.
डोरोथी मेरी हॉजकीन
जीवनकाल : 1910 से 1994