वुहान : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी – अपनी सेनाओं को सामरिक दिशानिर्देश जारी करने का फैसला किया है ताकि संचार मजबूत हो सके और विश्वास एवं समझ कायम की जा सके. यह जानकारी आज एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने दी. मध्य चीन के वुहान शहर में दोनों नेताओं के बीच दो दिन की अभूतपूर्व अनौपचारिक शिखर वार्ता के समापन पर पत्रकारों से बातचीत में विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि दोनों नेताओं ने भारत – चीन सीमा क्षेत्र के सभी इलाकों में अमन – चैन कायम रखने को अहम करार दिया.
उन्होंने कहा , ‘ इस बाबत दोनों नेताओं ने फैसला किया कि वे अपनी – अपनी सेनाओं को सामरिक दिशानिर्देश जारी करेंगे ताकि संचार मजबूत किया जा सके , विश्वास एवं समझ कायम की जा सके और उन विश्वास बहाली उपायों को लागू किया जा सके जिन पर दोनों पक्षों में पहले ही सहमति बन चुकी है. इनके अलावा , मौजूदा संस्थागत तंत्र को भी मजबूत किया जायेगा ताकि सीमाई इलाकों में हालात संभाले जा सकें.’ मोदी और शी के बीच हुई ‘ दिल से दिल की बात ‘ के समापन पर गोखले ने यह जानकारी दी. दोनों नेताओं के बीच हुई अनौपचारिक शिखर वार्ता को विश्वास फिर से कायम करने और संबंध सुधारने की भारत एवं चीन की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
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पिछले साल डोकलाम में दोनों देशों के बीच करीब 73 दिनों तक कायम रहे गतिरोध ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा कर दी थी. गोखले ने कहा , ‘ दोनों नेताओं की राय है कि दोनों देशों में इतनी परिपक्वता और समझदारी होनी चाहिए कि वे समग्र संबंधों के संदर्भ के दायरे में शांतिपूर्ण चर्चा के जरिये अपने मतभेद सुलझा सकें और इस बात का ख्याल रखें कि हम एक – दूसरे की संवेदनशीलताओं , चिंताओं और आकांक्षाओं का सम्मान करें.’ उन्होंने कहा कि वे दोनों पक्षों के बीच व्यापक सामरिक संचार मजबूत करने पर भी सहमत हुए. गोखले ने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद को साझा खतरा माना और आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता जतायी.