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पूर्व जासूस सर्गेर्इ मामले में रूस-अमेरिका आमने-सामने, ट्रंप ने मांगा जवाब तो रूस ने दिखायी आंख

लंदन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन में पूर्व जासूस को जहर देने के मामले में रूस से स्पष्टीकरण मांगा है. इंग्लैंड द्वारा इसका जवाब देने के लिए तय समयसीमा बीत गयी है.उधर , रूस ने चेताया है कि शीतयुद्ध काल की साजिशों की तरह यदि उसे दंडित किया गया, तो वह पलटवार करेगा. […]

लंदन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन में पूर्व जासूस को जहर देने के मामले में रूस से स्पष्टीकरण मांगा है. इंग्लैंड द्वारा इसका जवाब देने के लिए तय समयसीमा बीत गयी है.उधर , रूस ने चेताया है कि शीतयुद्ध काल की साजिशों की तरह यदि उसे दंडित किया गया, तो वह पलटवार करेगा. मास्को ने इन आरोपों का खंडन किया है कि डबल एजेंट की हत्या की कोशिश में उसका हाथ है. उसने ब्रिटेन की ओर से इस सवाल का जवाब देने के लिए निर्धारित मंगलवार की आधी रात की समयसीमा का भी उल्लंघन किया कि सोवियत संघ में तैयार जहर ब्रिटेन में कैसे पहुंचा.

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बीते चार मार्च को सर्गेई स्क्रीपल और उसकी बेटी यूलिया को ब्रिटेन के सैलिस्बरी शहर में जान से मारने की कोशिश की गयी थी. इस घटना ने रूस और ब्रिटेन और उसके सहयोगी अमेरिका, नाटो और यूरोपीय संघ को आमने- सामने लाकर खड़ा कर दिया है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने मास्को की ओर उंगली उठायी थी. उन्होंने कहा था कि इस बात की बहुत संभावना है कि इस घटना केपीछे रूस का हाथ हो. बढ़े तनाव के बीच उन्होंने कहा कि वह बुधवार को लंदन की प्रतिक्रिया बतायेंगी.

टेरीजा के साथ मंगलवार को फोन पर ट्रंप ने कहा था कि रूस को इस घटना पर जवाब देना चाहिए, जिसके बारे में माना जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह यूरोप में पहला हमला है. व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जतायी कि उन लोगों को परिणाम भुगतने के दायरे में लाने की जरूरत है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया है.

मास्को में विदेश मंत्री सर्गेई लवरोव ने जोर देकर कहा कि रूस कसूरवार नहीं है. उन्होंने कहा कि रूस ब्रिटेन के साथ सहयोग के लिए तैयार है, लेकिन ब्रिटेन ने जहर के नमूने देने से इनकार कर दिया है, जो उसने मांगे थे. रूस के दूतावास ने कहा कि उसने औपचारिक तौर पर ब्रिटेन से संयुक्त जांच की मांग की है.

उन्होंने कहा है कि इसके बिना लंदन से किसी बयान का कोई मतलब नहीं है. बढ़ते राजनयिक तनाव का पहला संकेत यह है कि रूस ने धमकी दी है कि अगर क्रेमलिन समर्थित आरटी प्रसारक को प्रतिबंधित किया जाता है, तो वह रूस में सभी ब्रिटिश मीडिया को प्रतिबंधित कर देगा.

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