इस्लामाबाद : भ्रष्टाचार-निरोधी अदालत ने पनामा पेपर्स कांड की सुनवाई के दौरान आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के मामले में पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक डार पर बुधवार को भ्रष्टाचार के आरोप तय किये. हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बेहद करीबी नेता ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उनके पास आय से अधिक संपत्ति नहीं है. गौरतलब है कि डार पर आरोप तय करने से महज एक दिन पहले ही जवाबदेही अदालत ने तय किया था कि वह दो अक्तूबर को शरीफ के खिलाफ आरोप तय करेगी. पूर्व प्रधानमंत्री मंगलवारको पहली बार पनामा पेपर्स कांड में भ्रष्टाचार के मामले को अदालत में पेश हुए. पनामा पेपर्स लीक के बाद डार भ्रष्टाचार के विवादों में घिर गये. इन दस्तावेजों के अनुसार, शरीफ सहित उनके आसपास के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के पास अघोषित संपत्ति है.
भ्रष्टाचार-निरोधी संस्था राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने आठ सितंबर को डार के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था. गौरतलब है कि 28 जुलाई को पनामा पेपर्स कांड में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद यह मुकदमा दर्ज किया गया था. शीर्ष अदालत ने नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराते हुए उनके तथा उनके बच्चों मरियम, हुसैन और हसन तथा दामाद मुहम्मद सफदर के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा चलाने का आदेश दिया था.
डार जब बुधवार को सुनवाई के लिए पहुंचे, तो जवाबदेही अदालत के बाहर अफरा-तफरी का माहौल था. पत्रकारों को अदालत कक्ष के भीतर जाने की अनुमति नहीं थी. वित्त मंत्री को भी अदालत कक्ष के भीतर जाने से पहले कम से कम 20 मिनट बाहर इंतजार करना पड़ा. मंत्री ने जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर द्वारा पढ़े गये आरोपों को स्वीकार करने से मना कर दिया और कहा कि उनकी संपत्ति उनकी आय के अनुरूप ही है और सुनवाई के दौरान वह इसे सबूतों की मदद से साबित कर देंगे.
अदालत ने एनएबी को सबूत पेश करने का आदेश दिया और एनएबी के अभियोजक ने अपने आरोपों के समर्थन में पेश करने लिए 28 गवाहों की सूची दी है. डार ने अदालत से अनुरोध किया कि वह सुनवाई के दौरान उन्हें व्यक्तिगत पेशी से भी छूट दे. अदालत ने कहा कि वह इस पर बाद में फैसला करेगी.
अदालत ने फिलहाल मामले की सुनवाई चार अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी. हालांकि, पहले अदालत ने इस मामले की सुनवाई रोजर्मा के आधार पर करने की घोषणा की थी. पाकिस्तानी कानून के अनुसार दोषी करार दिये जाने तक डार बतौर मंत्री अपने पद पर बने रह सकते हैं. हालांकि, विपक्षी नेताओं ने नैतिकता के आधार पर उनके इस्तीफे की मांग की है. सूचना राज्य मंत्री तारीक फजल चौधरी का कहना है कि डार को आरोप तय करने से पहले अनिवार्य सात दिन का समय नहीं दिया गया जो एनएबी के कानून के विरुद्ध है. उन्होंने कहा, डार पर आरोप तय हुए, जबकि हमारे वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया था कि वह 25 सितंबर से सात दिन का समय उन्हें दे. उन पर आरोप तय करने का फैसला 25 सितंबर को ही लिया गया था. चौधरी ने कहा कि अदालत ने चार अक्तूबर को सबूत मंगवाये हैं.
उन्होंने कहा, शुरुआत में दो बैंकर्स को बतौर गवाह पेश किया जायेगा, लेकिन अभियोजन पक्ष सुनवाई के दौरान और गवाहों को पेश करने की योजना बना रहा है. इस्लामाबाद हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आरिफ चौधरी ने कहा कि अभियोजन पक्ष के सबूत महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि अदालत उसी के आधार पर मुकदमा तय करेगी. उन्होंने कहा, सबूतों को परखा जायेगा और बचाव पक्ष के वकीलों को आरोपों तथा सबूतों को खारिज करने का मौका दिया जायेगा. पंजाब के कानून मंत्री और पीएनएल-एन के मुखर सदस्य राणा सनाउल्ला ने डार पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि डार पर तय आरोप किसी मजाक से ज्यादा नहीं हैं.